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अमेरिका : व्हाइट हाउस छोड़ने के लिए डॉनाल्ड ट्रंप ने रखी ये शर्त

नई दिल्ली : डॉनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को कहा कि अगर इलेक्टोरल कॉलेज राष्ट्रपति चुनाव में जो बाइडेन की जीत की आधिकारिक पुष्टि करता है तो वह व्हाइट हाउस छोड़ देंगे.

जब ट्रंप से पूछा गया कि अगर इलेक्टोरल कॉलेज वोट में वे हारते हैं तो क्या वे व्हाइट हाउस छोड़ देंगे, इस पर ट्रंप ने कहा, “निश्चित रूप से मैं करूंगा और आप जानते हैं,” आगे उन्होंने जोर देकर कहा कि इस दौरान काफी चीजें होंगी जो नतीजों को बदल देंगी.

हार के बावजूद ट्रंप ने कहा, “अभी लंबा रास्ता तय करना बाकी है,” अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव हारने वाला उम्मीदवार परंपरा के मुताबिक हार पर भाषण देता आया है लेकिन उन्होंने इस तरह का कोई भाषण अब तक नहीं दिया है.

हार मानने के बजाय उन्होंने कई मुकदमे दायर किए हैं और चुनावों में बड़े पैमाने पर कथित धांधली के आरोप लगाए हैं, हालांकि कई मुकदमे खारिज भी हो गए हैं, राज्य के चुनाव अधिकारियों ने चुनाव में कथित धांधली के आरोपों को खारिज किया.

ट्रंप ने साफ कर दिया है कि अगर वे व्हाइट हाउस छोड़ भी देंगे तो वे कभी औपचारिक रूप से हार स्वीकार नहीं करेंगे.

उन्होंने कहा, “यह स्वीकार करना बहुत कठिन होगा, क्योंकि हम जानते हैं कि बड़ी धांधली हुई है,” साथ ही ट्रंप ने यह भी कहा कि समय हमारे साथ नहीं है, उन्होंने कहा अगर इलेक्टोरल कॉलेज बाइडेन का चुनाव करता है तो वो “गलती” करेगा.

ट्रंप ने इस बात की पुष्टि नहीं की है कि वह 20 जनवरी को बाइडेन के शपथ समारोह में शामिल होंगे या नहीं, उन्होंने कहा कि वे इसका जवाब जानते हैं लेकिन अभी इसे साझा नहीं करना चाहते हैं.

तीन नवंबर को अमेरिका में हुए चुनाव में राष्ट्रपति पद के लिए जो बाइडेन को अब तक 306 इलेक्टोरल कॉलेज वोट मिले हैं और ट्रंप को 232 वोट मिलने का अनुमान है.

अमेरिका में राष्ट्रपति का चुनाव जीतने के लिए 270 वोटों की जरूरत होती है, इलेक्टोरल कॉलेज राष्ट्रपति का चुनाव करता है, चुनाव के दिन तक अगर इलेक्टोरल कॉलेज के सारे सदस्यों के नाम तय हो जाते हैं तो चुनाव नतीजों की भी पुष्टि हो जाएगी और नए राष्ट्रपति की भी.

गौरतलब है कि 23 नवंबर को राष्ट्रपति ने औपचारिक तौर बाइडेन को सत्ता सौंपने की प्रक्रिया शुरू करने को कहा था.

ट्रंप ने जनरल सर्विस एडमिनिस्ट्रेशन की प्रमुख से कहा था कि सत्ता सौंपने के लिए जो किया जाना चाहिए, वो करें, इसके बाद जीएसए ने जो बाइडेन को चिट्ठी लिखी थी और सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया में शामिल होने का न्योता दिया था.

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