नई दिल्ली : न्यूज़ीलैंड की एक अदालत ने क्राइस्टचर्च इलाके में पिछले वर्ष दो मस्जिदों में घुस कर ताबड़तोड़ गोलीबारी करने वाले हमलावर ब्रेंटन टैरेंट को गुरुवार को बिना किसी तरह के पैरोल के आजीवन कारावास की सजाई सुनाई। इस घटना ने न्यूज़ीलैंड समेत पूरे विश्व को झकझोर दिया था जिसमें 51 लोगों की मौत हो गई थी। हमलावर ने इस पूरी घटना का अपने मोबाइल फोन से सोशल मीडिया पर सीधा प्रसारण भी किया था.
न्यूज़ीलैंड हेराल्ड के अनुसार न्यूज़ीलैंड के इतिहास में हाई कोर्ट ने पहली बार इस प्रकार की सजा सुनाई है, जिसमें सजा काट रहे दोषी को किसी भी तरह की रिहाई या पैरोल नहीं मिलेगी। न्यूज़ीलैंड ने वर्ष 1961 में हत्या के लिए मृत्युदंड देने का प्रावधान समाप्त कर दिया था। उल्लेखनीय है कि 29 वर्षीय ब्रेंटन टैरेंट ने अर्ध स्वचालित हथियार और असॉल्ट राइफल से 15 मार्च 2019 को क्राइस्टचर्च की अल नूर मस्जिद और लिनवुड इस्लामिक सेंटर में जुमे की नमाज के दौरान लोगों पर ताबड़तोड़ गोलीबारी कर दी थी जिसमें 51 लोगों की मौत हो गई थी और 50 अन्य लोग घायल हो गए थे.
रिपोर्ट सोर्स, पीटीआई