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महज पांच साल की उम्र में नाबीना मुहम्मद ताहिर बना हाफ़िज़

महज पांच साल की उम्र में नाबीना मुहम्मद ताहिर बना हाफ़िज़

ऐसे तो आप लोगो ने कई लोगों के कुरआन शरीफ़ हिफ़्ज़ करने की बात सुनी होगी। आज हम आपको इतने छोटे उम्र के बच्चे के बारे में बताने वाले हैं। जिसने छोटी सी उम्र में कुरआन पाक को हिफ़्ज़ किया। इनका नाम मुहम्मद ताहिर है। हैरत की बात यह है कि इन्होंने 5 साल की उम्र में क़ुरआन ए पाक को हिफ़्ज़ किया है। इससे भी ज़्यादा हैरत की बात यह है कि मासूम जन्म से ही नाबीना(अँधा) है। पांच साल की उम्र में इन्होंने एक रेडियो की मदद से पूरे कुरआन ए पाक को हिफ़्ज़ किया है। वह जेद्दा में अपने माता पिता के साथ मे रहते है। ताहिर उस वक्त से पवित्र कुरआन पढ़ने में शामिल हो गए जब उनके घर मे रेडियो का आगमन हुआ। जब वह टेलीविजन नही देख पा रहा था। उसके पिता ने उसके लिए एक रेडियो खरीदने का फैसला किया।
उन्हें ये पता नही था कि ताहिर रेडियो के जरिए कुरआन शरीफ़ को याद करता है। जब वो जेद्दा से मदीना चले गए तो ताहिर ने हज करने की बात कही। बता दें कुरआन शरीफ़ मुस्लिमो की पवित्र किताब है। इस पवित्र किताब को पूरी याद करने वाला शख़्स हाफ़िज़ कहलाता है।
ये इस्लाम धर्म में जरूरी भी है। इसकी मदरसे में तालीम दी जाती है। बता दें इस्लाम धर्म में हाफ़िज़ उसे कहा जाता है जो क़ुरआन शरीफ में मौजूद 30 पारों को याद कर लेता है। रमज़ान के पवित्र महीने में कुरआन शरीफ को हाफ़िज़ सभी नमाज़ियों को सुनाते हैं।

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