कर्नाटक की जीत में इमरान प्रतापगढ़ी का रहा अहम योगदान

नई दिल्ली। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में इस बार कांग्रेस की प्रदेश इकाई ने सब-कुछ खुद अपने कंट्रोल में रखकर चुनावी रणनीति तय की। मुद्दों से लेकर टिकट वितरण तक में प्रदेश इकाई का ही फीडबैक अहम रहा। इसी क्रम में, इस बार पार्टी ने अपने स्टार प्रचारकों की लिस्ट में सांसद इमरान प्रतापगढ़ी का नाम शामिल किया था। चुनाव के इन्होंने खूब पसीना बहाया। ढोल नगाड़ों के बीच जब प्रतापगढ़ी से पूछा गया कि वह स्टार प्रचारक थे, ऐसे में कांग्रेस का कौन सा सिक्का या दांव चला, जिससे पार्टी की जीत हुई। इस पर इमरान ने कहा कि राहुल गांधी की मोहब्बत का शोरूम खुला है। पहले हिमाचल में दुकान खोली थी अब कर्नाटक में शोरूम खोला है। नफरत की राजनीति पर मोहब्बत से जंग जीती है। भाजपा के मुकाबले कांग्रेस जीती है। नरेंद्र मोदी और अमित शाह की तुलना में राहुल और प्रियंका गांधी जीती हैं। इमरान प्रतापगढ़ी जब से अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष नियुक्त हुए हैं तब से कांग्रेस का अल्पसंख्यक विभाग हर चुनाव में, कार्यक्रम में,धरने मोर्चे पर मजबूती से नज़र आता है। कर्नाटक चुनाव में इमरान प्रतापगढ़ी ने हर ज़िले में अपने आब्जर्वर नियुक्त किए थे, जिन्होंने कर्नाटक चुनाव में जबरदस्त मेहनत तालमेल से कांग्रेस पार्टी के पक्ष में बेहतर माहौल तैयार किया। प्रतापगढ़ी से जब पूछा कि बजरंग बली की मूर्ति दिख रही है, इस पर क्या कहेंगे तो उन्होंने कहा कि यह आप भाजपा से पूछिए, जिस नरेटिव को वे सेट कर रहे थे उसका क्या हुआ। आज आशीर्वाद किसे मिला है। उन्होंने कहा कि यहां खरगे का नारा जीता। इमरान उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के रहने वाले हैं। उनका पूरा नाम मोहम्मद इमरान खान है। हालांकि, वह अपने जिले प्रतापगढ़ के नाम को तखल्लुस की तरह इस्तेमाल करते हैं। एक दौर में, प्रतापगढ़ी ने मुशायरों में अपनी पहचान बनाई थी। कहा जाता है कि उनकी शायरी में मोहब्बत के कम और सियासी तीर ज्यादा चलते हैं। इमरान ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से हिंदी की पढ़ाई की है। उनकी हिंदी और उर्दू दोनों भाषाओं में अच्छी पकड़ है। उनके पिता मोहम्मद इलयास खान पेशे से डॉक्टर हैं। इमरान को बचपन से ही शायरी का शौक था। उन्होंने पांचवीं क्लास से शेर-ओ-शायरी, कविता लिखनी शुरू कर दी थी।
प्रतापगढ़ी की मदरसा, फिलिस्तीन, हम मुसलमान हैं और नजीब पर लिखी गईं नज़्में काफी चर्चित रही हैं। वह मुसलमानों की तालीम की वकालत करते हैं, साथ ही मुसलमानों के हक और राजनीतिक मुद्दों पर अपनी स्पष्ट सोच रखते हैं। वक्त-वक्त पर इमरान सियासी मंचों पर भी नजर आते रहे हैं। उन्होंने एक दौर में अन्ना हजारे के खिलाफ भी नज़्में पढ़ी थीं। इमरान ने बताया कि कैसे वह कांग्रेस के साथ जुड़े। उन्होंने बताया था कि साल 2018 में उनकी राहुल गांधी से मुलाकात हुई थी। ये मुलाकात आधे घंटे के लिए तय हुई थी, लेकिन डेढ़ घंटा कहां बीत गया पता ही नहीं चला। इस दौरान शायरी से लेकर सियासत और देश के मुद्दों पर बातचीत हुई थी। उन्होंने कहा था कि इस पूरी मुलाकात में उन्हें राहुल गांधी की सादगी और उनके विजन ने बहुत प्रभावित किया था। सोने पे सुहागा तब हुआ जब प्रियंका गांधी आईं। एक अलग जोश भर गया था। प्रतापगढ़ी ने साल 2019 में मुरादाबाद लोकसभा सीट से कांग्रेस पार्टी से चुनाव भी लड़े थे। हालांकि, इस चुनाव में उनको हार का सामना करना पड़ा था। बाद में उनको 3 जून, 2021 में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अल्पसंख्यक विभाग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। जून 2022 में, प्रतापगढ़ी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नामांकन पर महाराष्ट्र से राज्यसभा के लिए चुने गए। फिलहाल वह राज्यसभा के वर्तमान सदस्य हैं।

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