सहारनपुर। मुसलमान हमेशा शांति से रहते हैं और अपने समाज में अच्छी बातों का प्रचार करते हैं, क्योंकि इस्लाम ने उन्हें शांति और सदभाव का संदेश दिया है। पैगंबर ए इस्लाम का अपमान एक अक्षम्य अपराध है। हाल के दिनों में पैगंबर मुहम्मद का अपमान करने की घटनाओं में वृद्धि हुई है जिससे न केवल भारतीय मुसलमानों बल्कि दुनिया भर के मुसलमानों की भावनाओं को ठेस पहुंची है।
लेकिन देखा जाता है कि ऐसी घटनाओं के चलते विरोध और प्रदर्शन होते हैं। लेकिन उचित कानूनी कार्रवाई पर विचार नहीं किया जाता है। जबकि असली लड़ाई कोर्ट में लड़ी जाती है। कानूनी लड़ाई का प्रभाव हमेशा सकारात्मक होता है और यही दृष्टिकोण हमारे अभिजात वर्ग ने हमेशा अपनाया है।
किसी भी मुद्दे पर विरोध करना हमारा लोकतांत्रिक अधिकार है और विरोध होना चाहिए लेकिन यह कानून के दायरे में होना चाहिए। हमें कोशिश करनी चाहिए कि हम हर मामले में शांति बनाएं।
देश के वर्तमान हालात और समय की गम्भीरता को देखते हुए ऑल इंडिया मिल्ली काउंसिल सहारनपुर के जिलाध्यक्ष मौलाना डॉ. अब्दुल मालिक मुगीसी ने भारत के मुसलमानों विशेषकर शहर और जिले के मुसलमानों से अपील की है कि वे ऐसी घटनाओं के संबंध में अनुचित, अनैतिक कदम उठाने से बचें।
इसी तरह, उपद्रवियों को अवसर प्रदान करने से बचने के लिए जुमे से पहले या बाद में विरोध प्रदर्शन से बचें। इसके बजाय, भारत के संविधान के दायरे में कानूनी रूप से अपनी आवाज उठाएं और अपने बड़ों के नक्शेकदम पर चलते हुए, शातिर और दंगा फैलाने वाले तत्वों से दूर रहें और ऐसा कुछ भी करने से परहेज करें जिससे आपको जानी या माली नुकसान हो और अल्लाह से प्रार्थना करते रहें, इंशाअल्लाह स्थिति बेहतर होगी।
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