लखनऊ (यूपी) : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा राज का परिचय अन्याय, अत्याचार, भ्रष्टाचार और चारों तरफ भय, भ्रम का वातावरण हो गया है, हत्या, लूट, अपहरण और बलात्कार का बोलबाला है, बेतहाशा मंहगाई, अवरूद्ध विकास, बेकारी, किसानों की बर्बादी से जिंदगी दूभर हो गई है, फर्जी एनकाउण्टर, निर्दोषों के जीवन से खिलवाड़ पर कोई अफसोस नहीं, बच्चियों के साथ आए दिन दुष्कर्म की घटनाओं से हर परिवार दहला हुआ है.
उत्तर प्रदेश में सत्ता संरक्षित दबंगों का हर तरफ आतंक है, अपराधी अब पुलिस पर भी हाथ उठाने से नहीं चूक रहे हैं, पीलीभीत में 3 सिपाहियों को पीटने के बाद उन्हें विधायक निवास के बाहर अधमरा छोड़े जाने की शर्मनाक घटना घटी है, ऐसी पुलिस जनता की सुरक्षा कैसे करेगी? प्रदेश में खनन माफिया अपनी अलग ही सत्ता चला रहे हैं, सरकार के बड़े-बड़े नेताओं के संरक्षण में खनिज का काला धंधा चलता है, इस धंधे पर उंगली उठाते ही माफिया, सत्ताधीश और अफसरशाही का त्रिकोण सक्रिय हो जाता है, कई पत्रकार और राजनीतिक कार्यकर्ता इसमें अपनी जान गंवा बैठे हैं.
बांदा में अध्यापक के 8 वर्ष के बालक का अपहरण और हत्या की घटना विचलित करने वाली है, फिरोजाबाद में 16 वर्ष की किशोरी की घर में घुसकर हत्या कर दी गई, रोज ही ऐसी घटनाएं सामने आती है, इससे भी बढ़कर यह दुःख की बात है कि अब अस्पतालों में भी पीड़िताओं के प्रति असंवेदनशील रवैया अपनाया जा रहा है, नोएडा की सूरजपुर कालोनी क्षेत्र में एक 8 वर्ष की बालिका दुष्कर्म की शिकार बनी, पीड़िता को 4 घंटे तक अस्पताल में बैठाए रखा गया, वह लगातार कराहती रही, किसी ने उसकी सुध नहीं ली.
भाजपा राज में दलितों पर अत्याचार काफी बढ़ गए हैं, जिला हमीरपुर के कुरारा थाना क्षेत्र के ग्राम खरौंज निवासिनी सावित्री पत्नी स्वर्गीय भोला दलित बाल्मीकि समाज से है, पीड़िता ने अपनी व्यथाकथा समाजवादी पार्टी कार्यालय लखनऊ में आकर लिख कर दी है, उसका कहना है कि गांव के सवर्णों से झगड़े के फलस्वरूप उसके पति भोला बाल्मीकि की सुनियोजित तरीके से हत्या करा दी गई, उसका शव 23 मई 2020 को खेत में मिला जबकि वह 22 मई 2020 की सुबह घर से निकले तो वापस नहीं आए, अब इस बाल्मीकि परिवार को गांव छोड़कर जाने की धमकियां दी जा रही हैं.
दलित महिला का कहना है कि थाने में नामजद तहरीर देने के बावजूद एफआईआर दर्ज नहीं की गई, हत्या को आत्महत्या में बदलने की साजिश हो रही हैं, तमाम साक्ष्य हैं जो भोला की हत्या को पुष्ट करते है, स्थानीय पुलिस के रवैये से तंग होकर अनुसूचित जाति आयोग में भी प्रार्थना पत्र दिया है पर सही विवेचना नहीं हो रही है, उक्त घटना को 5 माह का समय व्यतीत हो चुका है, वह आज भी न्याय की भीख मांग रही है, भाजपा का क्या यही रामराज है ?
ब्यूरो रिपोर्ट, लखनऊ
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