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आज़म से मिलने के बाद अखिलेश पर बरसे शिवपाल यादव

आज़म से मिलने के बाद अखिलेश पर बरसे शिवपाल यादव


(शमशाद रज़ा अंसारी)
सीतापुर। यूपी विधानसभा चुनाव-2022 में तैयार हुआ समाजवादी पार्टी का कुनबा धीरे-धीरे बिखरता जा रहा है। दिलचस्प बात यह है कि सबकी सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के व्यवहार को लेकर नाराज़गी है।
सपा के संस्थापक सदस्य आज़म खान के मीडिया प्रभारी फ़साहत अली खान शानू एवं संभल से सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क खुले मंच से अखिलेश यादव के व्यवहार के प्रति अपनी नाराज़गी व्यक्त कर चुके हैं। आज़म खान के समर्थन में बड़ी संख्या में सपा के पदाधिकारी अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं। इसके बाद जयंत चौधरी ने आज़म खान के घर जाकर उनके परिवार से मुलाकात की। इस मुलाकात को जयंत ने तीन पीढ़ियों का रिश्ता बताया। अखिलेश के प्रति आज़म समर्थकों की नाराज़गी पर जयंत ने कहा कि मेरे लिए इस पर कुछ कहना ठीक नहीं होगा। वह उनके दल का विषय है। मैं किसी और नेता का पक्ष रखने यहाँ नहीं आया हूँ और न ही कोई सफाई देने आया हूँ मैं इतना ही कहूंगा कि मेरी संवेदनाएं इस परिवार के साथ हैं। जिस तरह से उन्हें प्रताड़ित किया गया है, इस परिवार को यह लोग हिम्मत वाले हैं। अखिलेश यादव ने भी इस मुलाकात से किनारा करते हुए साफ़ कह दिया कि मैंने जयंत को नहीं भेजा। अपने इस बयान से अखिलेश यादव ने जता दिया कि आज़म खान की नाराज़गी से उनपर कोई फ़र्क़ नहीं पड़ने वाला।
वहीं दूसरी ओर शुक्रवार को आज़म खान से सीतापुर जेल में मिलकर आये प्रसपा प्रमुख शिवपाल यादव ने भी जमकर अखिलेश यादव पर निशाना साधा।
आज़म खान से मिलकर जेल से बाहर आए शिवपाल यादव ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि आजम खान वरिष्ठ नेता और सपा के संस्थापक सदस्य हैं, लेकिन सपा आजम भाई के लिए संघर्ष करती नहीं दिखी। उन्होंने कहा कि सपा को आजम खान की मदद करनी चाहिए थी। आजम भाई पर बहुत छोटे-छोटे और झूठे मुकदमें हैं। अब केवल एक मुकदमा बचा है। सपा को आंदोलन करना चाहिए था। उन्होंने सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव का ज़िक्र करते हुए कहा कि नेताजी को आजम खान की बात लोकसभा में उठानी चाहिए थी। पार्टी को नेताजी की अगुवाई में धरना देना चाहिए था। प्रधानमन्त्री नेताजी की बहुत इज़्ज़त करते हैं,वह उनकी बात ज़रूर सुनते। सपा एक संघर्षशील पार्टी है। पार्टी को उनके साथ खड़ा होकर जमीन पर संघर्ष करना चाहिए था। लेकिन नहीं किया गया। यह हमारा दुर्भाग्य है कि जो संघर्ष समाजवादी की पहचान था,वो संघर्ष अब नहीं रहा।
भाजपा में शामिल होने और आज़म खान द्वारा सपा छोड़ने के सवाल पर बोलते हुए शिवपाल ने कहा कि अभी मैं आजम भाई के साथ हूँ और आजम भाई मेरे साथ हैं। हम लोग जो भी फैसला लेंगे वह उचित समय आने पर आप सबको बताया जाएगा। सारी बातें समय के साथ आप सबके सामने आ जाएंगी।
बता दें कि शिवपाल यादव आज़म खान के बेहद करीबी माने जाते हैं। शिवपाल हमेशा उन्हें आज़म भाई कहकर संबोधित करते हैं। इस लिहाज़ से इस मुलाकात को प्रदेश की राजनीति में नए विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है।

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