शमशाद रज़ा अंसारी

लोग नया घर खरीदने से पहले कई तरह के सपने संजोते हैं। यदि घर किसी सोसायटी में लेना हो तो लेने से पहले हर तरह की सुविधा की देखता है। बिल्डर एवं सोसायटी अध्यक्ष द्वारा अच्छी सुविधाओं का आश्वासन मिलने के बाद अपनी सब जमा पूँजी देकर घर लिया जाता है। लेकिन खरीदार उस समय खुद को ठगा हुआ महसूस करता है जब जिन सुविधाओं के बारे में उसे बताया गया था,वो उसे नही मिलती। ऐसा ही एक मामला ग़ाज़ियाबाद के क्रासिंग रिपब्लिक के एसोटेक द नेस्ट में रहने वाले शिवम गहलोत के साथ हुआ। सोसायटी में घर लेने के बाद जब शिवम ने सोसायटी में बदइंतजामी देखी तो सोसायटी की एसोसिएशन के रसूखदार अध्यक्ष एवं बिल्डर ने उन्हें प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। यहाँ तक कि उन्हें अभूतपूर्व तरीके से प्रताड़ित करते हुये उनके घर की बिजली काट दी।

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शिवम गहलोत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन करके अपनी ही सोसायटी की एसोसिएशन के अध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगाये। शिवम गहलोत ने कि मैं क्रासिंग रिपब्लिक के एसोटेक द नेस्ट का निवासी हूं, मेरे परिवार में मेरी बीमार बुजुर्ग मां, पत्नी व छोटी बच्ची है। कुछ महीने पहले ही मैं यहां मकान खरीदकर शिफ्ट हुआ हूँ। बेहतर सुविधाओं की उम्मीद में मैंने अपने जीवन की पूरी कमाई यहां खर्च कर दी।

यहां शिफ्ट होने के बाद पता चला कि बिल्डर ने बहुत सारे काम अधूरे छोड़ रखे हैं। रेज़िडेंट्स की मदद के लिए बनी ए ओ ए आपस मे ही लड़ने में लगी है। हर महीने मेंटिनेंस के नाम पर ली जाने वाली रकम का मनमाने ढंग से दुरुयोग हो रहा है। लोगों की समस्याएं कोई सुनने को तैयार नहीं है। जो भी रेज़िडेंट मेंटिनेंस से जुड़ी खामियों को उठाता है, उसके साथ ए ओ ए के कुछ सदस्य व अध्यक्ष दुर्व्यवहार करते हैं। शुरू में मैने ए ओ ए के लोगों से मिलकर बिल्डर के स्तर पर होने वाले कामों को पूरा कराने का प्रयास किया। कुछ काम जीडीए के हस्तक्षेप से शुरू भी हुआ लेकिन ए ओ ए की ओर से मेंटिनेंस और सुरक्षा संबंधी जैसे सीसीटीवी, फायर सिस्टम, बिजली व्यवस्था आदि से जुड़े कुछ मामलों को उठाने पर ए ओ ए ने मेरा सहयोग लेना बंद कर दिया मैं सोसायटी के कई मामलों में ए ओ ए की लापरवाही पर मेल लिखता रहा। इसका नतीजा यह हुआ कि ए ओ ए ने मुझे व्यक्तिगत रूप से परेशान करना शुरू कर दिया।

पिछले हफ्ते मेरी बिजली जान बूझकर ए ओ ए के अध्यक्ष सुरेश चन्द ने सॉफ्टवेयर में विवादित देय की राशि को डी ई बी टी दिखाकर काट दिया। इस सोसायटी में पहली बार किसी रेजीडेंट की बिजली काटकर ए ओ ए की ओर से परेशान किया गया। पूरे 12 घंटे घर की बिजली कटी रही। बिजली काटने के बाद जब मैंने मेंटीनैंस स्टाफ से संपर्क किया तो बताया गया कि अध्यक्ष सुरेश चंद जी ने बिजली सॉफ्टवेयर से बिजली काटी है। मैं मेंटिनेंस ऑफिस पँहुचा। काफ़ी इंतज़ार के बाद 11 बजे के बाद जब सुरेश चन्द मेंटीनैंस ऑफिस के पास आये तो मैंने उनसे मेरे घर की बिजली काटे जाने के बारे में पूछा, वे मुझे अनसुना करते हुए अंदर कमरे में चले गए। वहाँ अध्यक्ष जी कुछ लोगों के साथ मीटिंग करने लगे। जब 10 मिनट तक वह बाहर नहीं आये तो मैं कमरे के अंदर चला गया। मैंने उनके रवैये पर नाराजगी जताते हुए बिजली कटने बारे में पूछा तो वे भड़क गए। बोले जाकर 18000 रुपये जमा करो तभी बिजली चालू होगी। वे अपशब्द भी बोलने लगे। मेरे फ्रैक्चर पैर में भी लात मारा। इस हाथापाई के बाद श्री सुरेश चन्द ने पुलिस को फोन कर दिया और धमकी दी कि तुम्हे जेल भिजवाऊंगा। वे लगातार पुलिस पर दबाव बनाए हुए हैं। सुरेश चन्द एनटीपीसी में काम करते हैं। बसपा व कुछ अन्य पार्टी के नेताओं से भी उनके संबंध हैं। उनके साथ सोसायटी में भी कुछ दबंग लोग है जो कभी भी मुझे व मेरे परिवार को नुकसान पहुंचा सकते हैं। वे पुलिस में मेरी शिकायत भी दर्ज नहीं होने दे रहे हैं।

सोसायटी में मेरे साथ ही नही कई ए ओ ए के सदस्यों व अन्य रेज़िडेंट्स के साथ वे मारपीट कर चुके। विजय नगर पुलिस की रिपोर्ट पर एसडीएम सदर के यहां पर शांति भंग की आशंका में सुरेश चन्द, उनकी पत्नी मीनू व कुछ अन्य ए ओ ए के सदस्यों के नाम 50000 का मुचलका भरने का आदेश पहले भी जारी हो चुका है। वे आदतन झगड़ालू किस्म के व्यक्ति हैं। मुझे वो आगे तंग न करे इसके लिए जिला प्रशासन से इस मामले में गंभीरता से कार्रवाई की मांग करता हूँ।

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