Header advertisement

सरकार का बोझ कम कर रहे दीनी मदारिसः मौलाना अब्दुल्लाह मुग़ीसी

सरकार का बोझ कम कर रहे दीनी मदारिसः मौलाना अब्दुल्लाह मुग़ीसी

जामिया गुलजारे हुसैनिया के 103वें इजलास का का समापन

मेरठ। दीनी मदारिस बच्चों को शिक्षित करके सरकार का बोझ कम कर रहे हैं। ये मदारिस राष्ट्रीय एकता के प्रतीक हैं, जो दोनो फिरकों के चन्दे से चलते हैं, उक्त वक्तव्य व्यक्त करते हुए जामिया के मोहतमिम मौलाना मुहम्मद अब्दुल्लाह मुगीसी ने अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में कहा कि जामिया को 125 साल पहले एक चबूतरे की शक्ल में शुरु किया गया था। जो वर्तमान में इस्लामिक विश्व विद्यालय की शक्ल ले चुका है।

इजलास की तीसरी और अन्तिम नशिस्त में अवाम को खिताब करते हुए मौलाना मुगीसी ने कहा कि ये सिर्फ मदरसा नहीं बल्कि एक अभियान है जो कौम व मिल्लत और दीन की हिफाजत के लिए आवाज बुलन्द कर रहा है। तीसरी और अन्तिम नशिस्त का आगाज कारी मुहम्मद महताब कासमी की तिलावत से हुआ, जिसमें जामिया के शेखुल हदीस मौलाना सैयद अकील अहमद कासमी ने संस्था के इतिहास पर रोशनी डाली उन्होने कहा दीनी मदारिस शरियते इस्लामिया के रीढ़ की हड्डी है। इनके अलावा दारुल उलूम देवबन्द के उस्ताज मौलाना तौकीर कासमी ने हुकूके नबी से मुताल्लिक बातचीत की मुफ्ती मुहम्मद इमरान कासमी ने नशे के नुकसान पर प्रकाश डालते हुए इस बुराई को जड़ से उखाड़ने का आहवान किया, राष्ट्रीय सहारा उर्दू के समूह सम्पादक अब्दुल माजिद निजामी ने मुस्लिमों से शिक्षा के प्रति जागरुक होने का आहवान। किया, मुफ्ती मुहम्मद अहसान कासमी ने सीरत ए नबवी पर प्रकाश डाला। इनके अलावा मौलान नेअमतुल्लाह आजमी, अल्लामा कमरुद्दीन, मौलाना मुन्काद अहमद कासमी जिसौरी ने कारवान ए मुगीसी किताब का विमोचन कराया।

नशिस्त को मौलाना शमीम अहमद कासमी, मौलाना अनीस आजाद कासमी, मुफ्ती मुनीर अहमद कासमी, मौलाना हसरत अली कासमी, कारी मुहम्मद असलम फुरकानी, मुहम्मद असजद मियाँ कासमी ने सम्बोधन किया, इजलास की निजामत मौलाना आसमुहम्मद गुलजार ने अंजाम दी, हजरत मौलाना अब्दुल्लाह मुगीसी की दुआओं के साथ इजलास का समापन हो गया।

No Comments:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *