बाराबंकी (यूपी) : उर्दू जबान और अदब को अपने अख़लाक से रोशन करने वाले सैय्यद फरहान वास्ती की यौमें पैदाइश पर नगर के देवा रोड स्थित गाँधी भवन में ‘जश्न-ए-अदब’ का आयोजन किया गया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सांझी विरासत के संयोजक परवेज अहमद ने कहा कि फरहान वास्ती ने सांझी विरासत की शक्ल में दुनिया के सामने हिन्दी और उर्दू के शायरों को एक मंच देकर देश दुनिया से रूबरू होने का मौका दिया। वह जश्न-ए-उर्दू के मुंतजिम आला है। वह एक बेहतरीन इंसान हैं। उनकी शख्सियत एकदम अलग और बिन्दास है। वह जितना बड़े-बुजुर्गों का सम्मान करते है उससे कहीं ज्यादा छोटों को बेपनाह प्यार भी करते है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे गाँधी जयंती समारोह ट्रस्ट के अध्यक्ष राजनाथ शर्मा ने कहा कि फरहान वास्ती की यह कामयाबी है कि उन्होंने दूर दराज के मुल्कों में बाराबंकी ही नही बल्कि हिंदुस्तानी तहजीब को एक नई पहचान दी है। उर्दू दरअसल अख़लाक, शराफत, मुहब्बत और तहजीब की एक ख़ालिस और खांटी हिन्दुस्तानी जुबान है जो यहीं जन्मी, पली, बढ़ी और परवान चढ़ी। जिसे देश दुनिया के तमाम लोगों ने जाना व समझा। फरहान वास्ती एक ऐसी ही शख्सियत है जिन्हें उर्दू जबाँ से बेपनाह मुहब्बत है।
कार्यक्रम के अंत में समाजसेवी परवेज अहमद ने केक काटकर सैय्यद फरहान वास्ती का जन्म दिवस मनाया। इस मौके पर प्रमुख रूप से सोनू यादव, मृत्युंजय शर्मा, सत्यवान वर्मा, विनय कुमार सिंह, नीरज दुबे, पीके सिंह, संतोष शुक्ला, रवि प्रताप सिंह, प्रेम नारायण यादव, ज्ञान शंकर तिवारी आदि लोग मौजूद रहे।
ब्यूरो रिपोर्ट, बाराबंकी
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