शमशाद रज़ा अंसारी
लखनऊ। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को दंगों से बचाने के लिए बड़ा निर्णय लिया है। उन्होंने प्रदेश में धार्मिक जुलूस निकालने से पहले अनुमति लेना अनिवार्य कर दिया है। अनुमति लेते समय आयोजकों को शांति और सौहार्द बनाये रखने का एक शपथपत्र भी देना होगा। इसके अलावा लाउडस्पीकर के प्रयोग को लेकर भी सरकार ने दिशा निर्देश जारी किये हैं। अगर कोई भी नियमों का उल्लंघन करेगा तो उसके खिलाफ ठोस कार्रवाई की बात भी कही गई है।
सीएम ने इस आदेश को जारी करते हुए अफसरों को ये निर्देश भी दिए हैं कि शोभा यात्रा एवं धार्मिक जुलूस की अनुमति उन्हीं आयोजनों को दिए जाएं जो पारंपरिक हों। नए आयोजनों को अभी अनवाश्यक रूप से अनुमति न दी जाए।
आदेश में धार्मिक उपासना, आयोजन में माइक या लाउडस्पीकर की आवाज को परिसर तक ही रखने का आदेश दिया है। सीएम योगी ने कहा कि अपनी धार्मिक विचारधारा के अनुसार सभी को अपनी उपासना पद्धति को मानने की स्वतंत्रता है। माइक का प्रयोग किया जा सकता है, लेकिन यह सुनिश्चित हो कि माइक की आवाज धार्मिक परिसर से बाहर नहीं आनी चाहिए। लाउडस्पीकर की वजह से अन्य लोगों को कोई असुविधा नहीं होनी चाहिए। नए स्थलों पर माइक लगाने की अनुमति न देने का आदेश भी सरकार की ओर से दिया गया है।
इससे पहले महाराष्ट्र सरकार भी लाउडस्पीकर को लेकर फैसला ले चुकी है। जिसके तहत अब धार्मिक स्थलों (मंदिर, मस्जिद) पर लाउडस्पीकर लगाने से पहले राज्य सरकार से इसकी अनुमति लेना अनिवार्य कर दिया है। जो बिना अनुमति इसे बजाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
दरअसल पिछले कुछ दिनों में राम नवमी से लेकर नवरात्र तक अलग-अलग राज्यों मध्यप्रदेश, गुजरात, झारखंड, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, गोवा में धार्मिक जुलूस के दौरान हिंदू और मुस्लिम में हिंसा के मामले सामने आए हैं। हालांकि उत्तर प्रदेश में अभी तक ऐसी स्थिति बनी नहीं है, लेकिन राज्य सरकार ने एहतियातन ये कदम उठाया है।
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