नई दिल्ली : आतिशी ने आज कहा कि अमित शाह को हैदराबाद में नगर निगम चुनाव का प्रचार करने का समय है, लेकिन देश के किसानों से बात करने का समय नहीं है.
केंद्र में बैठी असंवेदनशील भाजपा सरकार कड़ाके की ठंड में देश के कोने-कोने से आकर दिल्ली बाॅर्डर पर बैठे हजारों किसानों से इन काले कानूनों के मुद्दे पर बात करने को तैयार नहीं है.
आतिशी ने कहा कि गृहमंत्री शर्त रख रहे है कि जब तक किसान संत निरंकारी मैदान में नहीं आएंगे, तब तक उनसे बात नहीं करेंगे.
अमित शाह हैदराबाद जाकर नगर निगम चुनाव में रोड शो करके सड़क और सीवर की बात कर सकते हैं, लेकिन किसानों की बात नहीं कर सकते हैं, जो किसान इस देश को खाना खिलाता है.
आतिशी ने कहा कि आज पूरे देश के किसान अपने घरों को छोड़कर, अपने खेतों को छोड़कर, अपने गांव को छोड़कर दिल्ली की ओर कूच कर रहा है, क्योंकि केंद्र में बैठी भाजपा सरकार ने किसान विरोधी काले कानूनों को पास किया है.
आज पंजाब से किसान दिल्ली की ओर आ रहा है, उत्तराखंड से किसान दिल्ली की ओर आ रहा है, राजस्थान से किसान दिल्ली की ओर आ रहा है, हरियाणा से किसान दिल्ली की ओर आ रहा है, और इतनी ठिठुरती हुई ठंड में भी किसान सड़क पर बैठा हुआ है.
क्योंकि वह चाहता है कि देश की सरकार उसकी बात सुने, वह किसान जो इस देश का अन्नदाता है, जो देश में रहने वाले हर एक व्यक्ति को भोजन उपलब्ध कराता है, आज जब उसके खुद के पेट पर ऐसे काले कानून बनाकर लात मारने का काम केंद्र सरकार कर रही है, तो वह सड़क पर निकलकर सरकार से मांग कर रहा है कि केंद्र में बैठी भाजपा सरकार उसकी बात सुने.
उन्होंने कहा कि बड़े ही अफसोस की बात है कि आज हमारे देश में एक ऐसी असंवेदनशील सरकार है जो कि लाखों की संख्या में सड़क पर बैठे हुए इन किसानों की बात सुनने को तैयार नहीं है, केंद्र में बैठी तानाशाह सरकार किसानों से कहती है कि आप जब तक हमारी बताई हुई जगह पर जाकर नहीं बैठोगे.
हम आपसे बात नहीं करेंगे, केंद्र में बैठी भाजपा की सरकार पर कटाक्ष करते हुए आतिशी ने कहा कि क्या हुआ? यदि आप इस देश के अन्नदाता हो, क्या हुआ यदि हम टीवी और फोन के बिना तो जी सकते हैं, परंतु उस अन्न के बिना नहीं जी सकते जो आप उगाते हो, लेकिन हम आपसे बात नहीं करेंगे.
आतिशी ने कहा कि देश के अमित शाह जी किसानों से कहते हैं कि जब तक आप संत निरंकारी मैदान में नहीं बैठोगे, हम आपसे बात नहीं करेंगे, उन्होंने कहा कि देश के गृहमंत्री के पास देश के अन्नदाता उन किसानों से बातचीत करने का समय तो नहीं है, परंतु हैदराबाद में जाकर अपनी पार्टी के लिए चुनावी रैली करने का पूरा समय है.