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सीएम ममता के नंदीग्राम में व्यवहार का कानून-व्यवस्था पर पड़ सकता है प्रभाव, EC ने आरोप को किया खारिज

नई दिल्ली : बंगाल चुनाव में पिछले हफ्ते नंदीग्राम में एक पोलिंग बूथ पर सीएम ममता का आचरण संदेह के घेरे में है, चुनाव आयोग ने बूथ पर मतदान बाधित होने के उसके आरोपों को खारिज करते हुए संकेत दिया है.

चुनाव आयोग ने ममता बनर्जी की हाथ से लिखी शिकायत को तथ्यात्मक रूप से गलत बताया है, साथ ही कहा कि ममता का पोलिंग बूथ पर व्यवहार से बंगाल में कानून व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव की संभावना है.

बंगाल के दूसरे चरण में नंदीग्राम में मतदान के दौरान टीएमसी की उम्मीदवार और सीएम ममता नंदीग्राम के बयाल-2 स्थित 7 नंबर बूथ में लगभग दो घंटे रहने और चुनाव आयोग और शाह पर लगाए आरोप को चुनाव आयोग ने पूरी तरह से खारिज करते हुए कहा कि ये आरोप तथ्यात्मक रूप से पूरी तरह से गलत हैं.

बता दें कि ममता नंदीग्राम के बयाल-2 स्थित 7 नंबर बूथ में लगभग दो घंटे तक रहीं थीं और वहीं से राज्यपाल जगदीप धनखड़ को फोन किया था और मतदान में धांधली का आरोप लगाया था.

उन्होंने अमित शाह पर चुनाव कार्य में हस्तक्षेप का भी आरोप लगाया था, ममता ने इस बाबत चुनाव आयोग को एक पत्र भी भेजा था.

चुनाव आयोग ने ममता के हस्तलिखित पत्र को तथ्यात्मक रूप से गलत बताते हुए कि मतदान केंद्र में ममता की कार्रवाई की बंगाल की कानून और व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना है और शायद कुछ अन्य राज्यों में” में भी इसका प्रभाव पड़ सकता है.

ममता के लगभग दो घंटे तक बूथ में रहने को लेकर बीजेपी ने आपत्ति जताई थी, धारा 144 का उल्लंघन करने का आरोप में बीजेपी की ओर से मामला भी दायर किया गया है और इस बाबत आज बीजेपी के एक प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से शिकायत भी की थी.

ममता ने कहा था कि वह नंदीग्राम के बूथ पर क्यों गई थी और वहां बैठ गई थी ? बाहर से आए सभी गुंडे बंदूक के साथ वहां जमा हो गए थे, वे सभी किसी और भाषा में बात कर रहे थे, बीजेपी के लोग गुंडे थे, इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया था कि गृह मंत्री के निर्देश पर चुनाव आयोग चल रहा है.

उन्होंने कहा था कि मोदी मतदान के दिन क्यों प्रचार कर रहे हैं, क्यों मतदान के दिन पीएम मोदी चुनाव प्रचार कर रहे हैं, क्या यह चुनाव आचार संहित का उल्लंघन नहीं है.

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