दिल्ली। रेल मंत्रालय को प्रधान मंत्री के ‘मिशन कर्मयोगी’ के शुभारंभ के लिए पांच मंत्रालयों में से एक के रूप में चुना गया है, जो सरकारी कर्मचारियों के कार्य क्षमता निर्माण के लिए भारत सरकार की एक प्रतिष्ठित पायलट परियोजना है जिसका उद्देश्य उनके पेशेवर दृष्टिकोण को नागरिक केंद्रित कार्य करने के लिए बदलना है। इसका उद्देश्य उन्हें आवश्यक कौशल सेट और व्यवहार संबंधी दक्षताओं में निपुण करना है जो शासन, सेवा वितरण और नागरिक संतुष्टि में एक स्पष्ट परिवर्तन लाने के लिए आवश्यक हैं।
रेलवे द्वारा नागरिकों/ग्राहकों के साथ पारस्परिक व्यव्हार की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए फ्रंटलाइन कर्मचारियों की विभिन्न श्रेणियां जैसे स्टेशन मास्टर, बुकिंग क्लर्क, टिकट चेकिंग कर्मचारी, आरक्षण क्लर्क, पार्सल क्लर्क और गुड्स क्लर्क की पहचान की गई है। तदनुसार ‘मिशन कर्मयोगी’ के तहत प्रशिक्षण 10.03.2022 से शुरू किया गया है और रेलवे कर्मचारियों यानि मेंटर्स जोकि इंडियन रेलवे इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट, लखनऊ द्वारा प्रशिक्षित है । दिल्ली मंडल के पांच स्टेशनों नई दिल्ली, दिल्ली, आनंद विहार टर्मिनल, हजरत निजामुद्दीन और दिल्ली कैंट में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। अब तक 460 फ्रंटलाइन कर्मचारियों ने प्रशिक्षण में भाग लिया है।
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