डीएल बनवाने के लिए अब रात में भी ड्राइविंग टेस्ट दे सकेंगे दिल्ली वाले, केजरीवाल सरकार ने शुरू किया तीन ऑटोमैटिक ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक
नई दिल्ली। दिन में ड्यूटी करने वाले दिल्ली वाले ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए अब रात में भी ड्राइविंग टेस्ट दे सकेंगे। ऐसे कामकाजी लोगों की समस्याओं का समाधान करते हुए केजरीवाल सरकार ने एक अच्छी पहल करते हुए नाइट शिफ्ट में भी ऑटोमेटिक ड्राइविंग टेस्ट ट्रेक शुरुआत की है। अब दिन में ड्यूटी करने वाले लोग ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए रात में भी ड्राइविंग टेस्ट दे पाएंगे। इसके लिए केजरीवाल सरकार ने अभी 3 ऑटोमेटिक ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक की शुरुआत कर दी है। दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने शकूरबस्ती, मयूर विहार और विश्वास नगर में नाइट टेस्ट के लिए स्थापित ऑटोमेटिक ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक का आज अनावरण किया। अब यहां ड्राइविंग टेस्ट देने वाले दिल्ली के लोगों को ड्राइविंग लाइसेंस जारी किया जा सकेगा। केजरीवाल सरकार ने अप्रैल माह में मयूर विहार और विश्वास नगर में ऑटोमेटिक ड्राइविंग टेस्ट ट्रेक का ट्रायल शुरू किया था, जिसकी सफलता के बाद आज परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने औपचारिक उद्घाटन किया है।
उद्घाटन अवसर पर परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि केजरीवाल सरकार हमेशा जनता की मांगों के प्रति उत्तरदायी रही है और हम नागरिकों को सर्वोत्तम सेवा प्रदान करने के लिए सफल परीक्षण कर रहे है। मई से पायलट के तहत ड्राइवर टेस्ट उपलब्ध हैं, जहां लोग नाइट शिफ्ट में ड्राइविंग टेस्ट की सुविधा का लाभ उठाकर अपने समय को बचा सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार एक मई से नाइट शिफ्ट (शाम/रात की पाली) में पहले ही 2500 से अधिक ड्राइविंग लाइसेंस के लिए टेस्ट कर चुकी हैं। हम लगातार नाइट शिफ्ट की निगरानी कर रहे हैं और अधिकतम दक्षता सुनिश्चित करने के लिए प्लाइट, कैमरा रिज़ॉल्यूशन आदि जैसे सुधार कर रहे हैं। रात के टेस्ट की सुविधा दिन के समय जितनी ही अच्छी है। हम शिक्षण संस्थानों में 8 नए एडीटीटी भी जोड़ रहे हैं, जो अभी निविदा की चरण में है। प्रतीक्षा समय कम करने की दिशा में यह एक बड़ा कदम होगा।
परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बताया कि विभाग ने 12 ऑटोमेटिक ड्राइविंग टेस्ट ट्रेक स्थापित करने के लिए मारुति सुज़ुकी फाउंडेशन को जिम्मेदारी दी गई है। इसके साथ ही सभी 12 ऑटोमेटिक ड्राइविंग टेस्ट ट्रेक सेंटर को ऑपरेटर देखरेख की जिम्मेदारी रोसमेर्टा टेक्नोलॉजी लिमिटेड को दी गई है। उन्होंने बताया कि ड्राइविंग टेस्ट की बारीकी से जांच हो इसके लिए हाई रेजोल्यूशन के 17 कैमरा लगाए गए हैं, जो रियल टाइम फुटेज और इमेज कैप्चर करता है। साथ ही टोकन के लिए इलेक्ट्रॉनिक कतार प्रबंधन प्रणाली भी लगाया गया है जो टेस्ट देने आए हुए लोगो को टोकन के साथ समय निर्धारित करता है। उन्होंने बताया कि एप्लीकेंट इसमें फर्स्ट इन फर्स्ट आउट करेंगे। बिना टोकन लिए किसी अन्य व्यक्ति का टेस्ट नहीं हो सकेगा। इसके लिए 6 सर्वर लगाए गए हैं, जो वीडियो को अच्छी तरह से जांच करेगा और उसका पारदर्शी रिजल्ट देगा। साथ ही साथ सारथी सॉफ्टवेयर पर ऑटोमेटिक अपलोड कर देगा।
परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बताया कि ड्राइविंग टेस्ट पारदर्शी और प्रभावी तरीके से हो सके, इसके लिए 10 सीसी टीवी कैमरे सभी ऑटोमेटिक टेस्ट ट्रैक सेंटर पर स्थापित किया गया है।
कैलाश गहलोत ने बताया कि ड्राइविंग टेस्ट के दौरान मोटर व्हीकल एक्ट 99 के तहत आने वाले 20 आवश्यक ड्राइविंग स्किल्स की जांच की जाएगी।
ऑटोमेटिक ड्राइविंग टेस्ट ट्रेक पर शाम 5:00 बजे से शाम 8:00 बजे तक ड्राइविंग टेस्ट होगी। हर ट्रैक पर प्रतिदिन 45 अपॉइंटमेंट बुक किए जाएंगे। सभी 12 ऑटोमेटिक ड्राइविंग टेस्ट ट्रेक चालू होने के बाद प्रतिदिन 3000 अपॉइंटमेंट शेड्यूल उपलब्ध होगा। फिलहाल इन तीनों ऑटोमेटिक ड्राइविंग टेस्ट ट्रेक पर प्रतिदिन 135 ड्राइविंग टेस्ट शेड्यूल किया जा रहा है।
ट्रायल के दौरान 30 अप्रैल से 24 मई तक तीनों ट्रैक पर बुकिंग की स्थिति
तीनों जगह एक से 24 मई के बीच ट्रायल किया गया। जिसमे उत्साहवर्धक नतीजे सामने आए हैं। शकुरबस्ती, मयूरविहार और विश्वासनगर के ऑटोमेटिक ड्राइविंग टेस्ट ट्रेक पर 30 अप्रैल से 24 मई तक ट्रायल के दौरान 2565 स्लॉट बुक हुए थे। जिसने से शकुरबस्ती में 855 लोगों ने ड्राइविंग लाइसेंस के लिए स्लॉट बुक किया था। जिसमें से 255 लोग ड्राइविंग टेस्ट देने के लिए पहुँचे थे। इसमें से 129 लोग ऑटोमेटिक ड्राइविंग टेस्ट ट्रेक पर पास हुए। वही 126 लोग फेल हो गए। इसी तरह मयूर विहार में में 855 लोगों ने ड्राइविंग लाइसेंस के लिए स्लॉट बुक किया था। जिसमें से 424 लोग ड्राइविंग टेस्ट देने के लिए पहुँचे थे। इसमें से 232 लोग ऑटोमेटिक ड्राइविंग टेस्ट ट्रेक में पास हुए, वहीं 192 लोग फेल हो गए। वहीं विश्वासनगर में भी 855 लोगों ने ड्राइविंग लाइसेंस के लिए स्लॉट बुक किया था। जिसमें से 266 लोग ड्राइविंग टेस्ट देने के लिए पहुँचे थे। इसमें से 149 लोग ऑटोमेटिक ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक पर पास हुए, जबकि 117 लोग फेल हो गए।