इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर में ईद मिलादुन्नबी पर कार्यक्रम का आयोजन
नई दिल्ली। ईदमिलादुन्नबी के अवसर पर लोधी रोड स्थित इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में वक्ताओं द्वारा पैगम्बर ए इस्लाम की सीरत को बयान किया गया।
कार्यक्रम में बोलते हुए राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा ने कहा कि रसूल पाक की ज़िंदगी से बहुत कुछ सीखने को मिलता है। आज देश में जो हालात हैं, ऐसी स्थिति में नबी द्वारा दी गई शिक्षा पर अमल करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि नबी के निर्देशों को अपने जीवन में शामिल करना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने कहा कि पैगम्बर ए इस्लाम ने एकता और मुहब्बत का पाठ पढ़ाया, कई बुराइयों को जड़ से ख़त्म किया। देश में शांति सद्भाव के लिए नबी की शिक्षा को आम करने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम में बोलते हुए विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर अख्तर उल वासेअ ने कहा कि नबी किसी विशेष व्यक्ति या क़ौम के लिए नहीं थे, बल्कि वो पूरी आलम ए इंसानियत के लिए रहमत बना कर भेजे गए थे। प्रोफेसर ने तालीम पर ज़ोर देते हुए कहा कि नबी पर उतरने वाली पहली इकरा इकरा(पढ़िए) थी। जोकि पढ़ाई की अहमियत बताने के लिए थी। लेकिन आज उनकी ही क़ौम शिक्षा के मामले में पिछड़ी हुई है। हमारे लिए यह सोचने का मकाम है। उन्होंने कहा कि नबी ने दुनियावी और आख़िरत की ज़िंदगी में सफलता के तरीके बताये। विशेषकर दूसरे धर्म के लोगों के साथ उनके द्वारा किया गया व्यवहार बेमसाल है।
पार्लिमेंट जामा मस्जिद के इमाम मौलाना मोहब्बतुल्लाह नदवी ने नबी के जीवन पर विस्तारपूर्वक रौशनी डालते हुए कहा कि नबी ने पूरी दुनिया को अमन-चैन और भरोसे का रास्ता दिखाया है। उनके संदेशों को आम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि नबी ने हमेशा ज़ुल्म और नाइंसाफी के विरुद्ध लड़ाई लड़ी है। इसलिए हम उनके संदेश पर अमल करके एक खूबसूरत दुनिया बना सकते हैं।
प्रोफेसर मोहम्मद हाशिम कुरैशी ने कहा कि नबी ने हमेशा इंसाफ और बराबरी का संदेश दिया। ज़ुल्म और नाइंसाफी के खिलाफ आवाज़ उठाई।
इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर के अध्यक्ष हाजी सिराजुद्दीन कुरैशी ने कहा कि नबी ने पूरी दुनिया को अमन-चैन,प्रेम, ईमानदारी, रहमदिली और बुराई से बचने का रास्ता दिखाया।उनके बताये हुए रास्ते पर चलकर ही हम दुनिया और आख़िरत में कामयाबी हासिल कर सकते हैं।
कार्यक्रम में मौलाना गुलाम रसूल देहलवी, पूर्व आईआरएस अबरार अहमद, सीबीआई के पूर्व मीडिया हेड शहज़ाद अहमद खान ने भी पैगम्बर ए इस्लाम के जीवन के विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार व्यक्त किये।
कार्यक्रम का आरंभ मौलाना हिफज़ुर्रहमान ने क़ुरआन की तिलावत करके किया। मंच का सफल संचालन प्रोफेसर हफीजुर्रहमान ने किया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से दैनिक राष्ट्रीय सहारा के ग्रुप एडिटर अब्दुल माजिद निज़ामी, वरिष्ठ भाजपा नेता एवं बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चौधरी इरफ़ान अहमद, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष वजाहत हबीबुल्लाह, दिल्ली हज कमेटी के पूर्व अध्यक्ष मुख़्तार अहमद, समाजसेवी हाजी शमीम अहमद, प्रोफेसर नीलम महाजन, पूर्व आईपीएस कमर अहमद, राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के वरिष्ठ सलाहकार डॉ मोहम्मद इमरान चौधरी, मौलाना शादाब हुसैन अशरफी आदि उपस्थित रहे।
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