मनीष सिसोदिया ने दिल्ली टीचर्स यूनिवर्सिटी में नवनिर्मित अभिव्यक्ति सभागार का किया उद्घाटन
नई दिल्ली। शिक्षा किसी संस्थान के चारदीवारी तक सीमित नही रह सकती, इसका बाहर आकर, इसका संस्कृति, साहित्य और कला के जरिए समाज से जुड़े रहना ज़रूरी है। इस विज़न पर काम करते हुए दिल्ली टीचर्स यूनिवर्सिटी सम्यक संवाद की शुरुआत की है और इसके माध्यम से शिक्षा को समाज से जोड़ने का काम कर रही है। यूनिवर्सिटी द्वारा इसमें कलाकारों, शिक्षाविदों, समाजसेवियों व अन्य विभिन्न सामाजिक संस्थाओं को जोड़ा है। शुक्रवार को यूनिवर्सिटी द्वारा सम्यक संवाद के तहत पहले कार्यक्रम कवियित्री सम्मलेन का आयोजन किया गया। उपमुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य-अतिथि शामिल हुए और विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजनों के लिए यूनिवर्सिटी द्वारा नवनिर्मित अभिव्यक्ति सभागार का उद्घाटन भी किया।
इस मौके पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि एक यूनिवर्सिटी के लिए अपने विद्यार्थियों के सर्वांगीन विकास के लिए बेहतर वातावरण होना बेहद जरुरी है। इसलिए विश्वविद्यालयों का लक्ष्य डिग्री देने तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए वातावरण तैयार करना चाहिए। सम्यक संवाद जैसे सामुदायिक जुड़ाव के कार्यक्रम ऐसा माहौल बनाने में मदद करते हैं और यह बहुत अच्छी बात है कि दिल्ली टीचर्स यूनिवर्सिटी ने इस अनूठे पहल की शुरुआत की है। जहाँ संवाद व अन्य माध्यम से आस-पास की कम्युनिटी को संस्कृति, साहित्य और कला के माध्यम से शिक्षा से जोड़ने का काम किया जाएगा।
सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली टीचर्स यूनिवर्सिटी, टीचर्स एजुकेशन के क्षेत्र में शानदार मानक स्थापित करने के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के विज़न का परिणाम है। उन्होंने कहा कि इस यूनिवर्सिटी को बनाने का उद्देश्य डिग्रियां देने की फैक्ट्री तैयार नहीं करना है, बल्कि इस यूनिवर्सिटी के माध्यम से हमारा उद्देश्य टीचर एजुकेशन के क्षेत्र में सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस स्थापित करना है। जहाँ से भविष्य के लिए हमारे स्कूलों के लिए विश्वस्तरीय टीचर्स तैयार हो सकें।
इस मौके पर दिल्ली शिक्षक विश्वविद्यालय के उपकुलपति प्रो. धनंजय जोशी, दिल्ली विश्वविद्यालय के उपकुलपति प्रो. योगेश सिंह, प्रधान शिक्षा सलाहकार शैलेन्द्र शर्मा, दिल्ली टीचर यूनिवर्सिटी के कुलसचिव रजनीश कुमार सिंह सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।