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दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड कार्यालय में अधिकारी महफूज़ मोहम्मद की चल रही है मनमानी

इमाम,मोज़्ज़िन व अन्य अधिकारी भी परेशान ,मनमाने ढंग से कर दिया जाता है तबादला

नई दिल्ली:भारत में वक़्फ़ जायदादों की स्थिति जग ज़ाहिर है,मुसलमानों के कल्याण के लिये बनाई गई इस संस्था को औरों से ज़्यादा अपनों से नुक़सान पहुंचा है मगर दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड की ओखला से विधायक अमानतुल्लाह खान ने अपने कार्यकाल के दौरान काया पलट करदी थी

अमानतुल्लाह खान की अध्यक्षता मैं उनके दुवारा किये गए गए कार्यों की वजह से वक़्फ़ बोर्ड को न सिर्फ़ भारत बल्कि भारत से बाहर भी नई पहचान मिली मगर अचानक अमानतुल्लाह को हटाए जाने से उन अधिकारियों की चांदी होगई जो वक़्फ़ बोर्ड में अपनी मर्ज़ी और मनमानी चलाते हैं।इन बातों का इज़हार नदवा ओल्ड बॉयज़ संस्था के महामंत्री डॉकटर साद रशीद नदवी ने किया।

साद रशीद प्रेस को जारी अपने बयान मैं दिल्ली के एलजी और मुख्यमंत्री से मांग करते हुवे कहा कि श्री अमानतुल्लाह खान को जल्द से जल्द वक़्फ़ बोर्ड में अध्यक्ष पद पर नियुक्त किया जाए ताकि बोर्ड में कुछ अधिकारियों दुवारा की जारही मनमानियों ओर नियमों की अनदेखी करते हुवे इमाम व मुज़्ज़िनों के तबादलों पर रोक लग सके।साद रशीद ने आगे कहा कि महफूज़ मोहम्मद अपनी चालाकी व चापलूसी की वजह से अपने सीनियरों से भी पहले अनियमित तोर पर बोर्ड का सेक्शन अधिकारी कैसे बन गया इसकी जाँच होनी चाहिए।

उन्होंने आगे कहा कि इस महामारी के समय मैं सरकार और न्यायालय ने कर्मचारियों के तबादले पर रोक लगा रख्खी है फिर भी कई मोज़्ज़िनो का सेक्शन अधिकारी ने खुद तबादला कर दिया जबकि बोर्ड में सी ई ओ मौजूद थे ये नियमों की मनमानी नहीं तो किया है। आज पुरानी दिल्ली छेत्र में वक़्फ़ बोर्ड में जारी तथाकथित भ्र्ष्टाचार व नियमों की अनदेखी के विरुद्ध बड़े बड़े पोस्टर लगे हुवे हैं

जिनमे महफूज़ मोहम्मद दुवारा की गई नियमों की अनदेखी व तथाकथित भर्ष्टाचार का बखान है जिस से दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड की साख को भी नुक़सान पहुँच रहा है और ये सब महफूज़ मोहम्मद की मनमानियों की वजह से होरहा है, महफूज़ की इन्ही गड़बड़ियों को देखते हुवे पूर्व सी ई ओ शमीम अख़्तर ने मुअत्तल कर दिया था।

साद रशीद ने आगे कहा कि महफूज़ मोहम्मद मोहम्मद से वक़्फ़ बोर्ड के इमाम व मोज़्ज़िन अक्सर परेशान रहते हैं और कितने ही ऐसे इमाम ओर मोज़्ज़िन हैं जिनकी वर्षों से तनख्वाह रोक दी गई है फिर भी वो बिना तनखाह ओर वज़ीफ़े के अपनी खिदमत अंजाम दे रहे हैं

।उन्होंने सवाल उठाया कि एक कल्याणकारी संस्था अपने इमाम ओर मोज़्ज़िनो की तनख्वाह कैसे बंद किये हुवे है ये तो मनमानी और अत्याचार है।उन्होंने मांग की के ऐसे अधिकारियों के ख़िलाफ़ बोर्ड के सी ई ओ को कार्रवाई करनी चाहिए।

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