(शमशाद रज़ा अंसारी)
ग़ाज़ियाबाद। नगर निगम लगातार ग़ाज़ियाबाद को हाईटेक सिटी बनाने के दावे करता रहता है। लेकिन नगर निगम के दावों को धरातल पर देखें तो नगर निगम से अभी तक अपने द्वारा बनाए गए मौत के नाले का भी समाधान नहीं हो सका है। नगर निगम द्वारा बनाया गया यह मौत का नाला नया बस अड्डे मेट्रो स्टेशन के पीछे वार्ड 92-93 गुलज़ार कॉलोनी के पास बना है। अब तक इस नाले में डूबकर कई बच्चों की मौत हो चुकी है। कई बच्चों को समय रहते ही नाले से निकाल लिया गया,अन्यथा आंकड़े और अधिक भयावह होते। क्योंकि कॉलोनी से सटा होने के कारण यहाँ अक्सर बच्चे खेलते रहते हैं। पास में ही स्थित हिंडन ईको पार्क का रास्ता भी इसी नाले के पास से होकर जाता है।
नगर निगम का जानलेवा नाला
दरअसल नगर निगम ने यह नाला तो बना दिया, लेकिन न तो सेफ्टी के लिए इसकी बॉउंड्री ऊँची की और न ही इस पर कोई जाल लगाया। नाले में पड़ा कूड़ा और नाले के बाहर पड़ा कूड़ा बराबर होने पर नाले की दीवार का पता नहीं चलता,जिस कारण यहाँ हादसे होते रहते हैं। गनीमत यह रहती है कि अक्सर बच्चों को उनके साथियों या आसपास उपस्थित लोगों द्वारा निकाल लिया जाता है। लेकिन हर बच्चा खुशकिस्मत नहीं होता,कुछ ऐसे भी होते हैं जो नगर निगम के इस मौत के नाले का शिकार हो जाते हैं। ऐसा ही एक हादसा बुधवार को हो गया। तय्यबा मस्जिद के पास रहने वाले नौशाद का 7 वर्षीय पुत्र असद दोपहर बाद घर से खेलने के लिए निकला था। वह अपने साथियों के साथ पार्क की ओर जा रहा था,तभी वह नाले में गिर गया। उसके साथ जा रहे बच्चों ने तुरंत जाकर असद के परिजनों को यह बात बताई तो सभी लोग नाले की ओर दौड़ पड़े। सूचना मिलने पर नगर कोतवाल अनुराग शर्मा व नया बस अड्डा चौकी इंचार्ज सुनील शर्मा भी पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुँचे और स्थानीय लोगों के साथ मिलकर बच्चे को निकालने का प्रयास करने लगे। इसके बाद नगर निगम व अन्य बचाव टीम घटनास्थल पर पहुँची। जेसीबी व गोताखोरों द्वारा की गई घंटों की मशक्कत के बाद बच्चे को नाले से निकालकर आनन-फानन में जिला एमएमजी अस्पताल ले जाया गया। जहाँ चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बच्चे की मौत की ख़बर सुनकर चीख-पुकार मच गई, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। बच्चे का मासूम चेहरा देखकर मौके पर उपस्थित लोगों की आँखें भी नम हो गईं। जिस घर में कुछ दिन बाद ईद की खुशियाँ मनाई जाती,नगर निगम की लापरवाही से अब उस घर से मातम की आवाज सुनाई देगी।
फ़ाइल फोटो- असद
कई घरों में गूँजने वाली बच्चों की चहकती आवाज़ को माँओं की हृदयविदारक चीखों में बदलने के बाद भी नगर निगम कुंभकर्णी नींद से नहीं जाग रहा है। बार-बार हो रहे हादसों के बाद भी नगर निगम अधिकारियों के कानों पर जूँ तक नहीं रेंग रही है। इस हादसे और नाले के बारे में बात करने के लिए जब हिन्द न्यूज़ संवाददाता ने नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक से संपर्क करने का प्रयास किया तो उनसे संपर्क नहीं हो सका। हालाँकि नगर स्वास्थ्य अधिकारी घटना के समय वहाँ उपस्थित थे,लेकिन वह पत्रकारों के सवालों से भागते नज़र आए। फिलहाल नगर निगम की लापरवाही से लोगों में रोष व्याप्त है।
स्थानीय निवासियों ने कहा
स्थानीय पत्रकार सोनू खान ने कहा, इस नाले में डूबकर हुई बच्चे की मौत से मन बहुत आहत है। हालाँकि मैं एक पत्रकार हूँ और इस तरह के हादसों का सामने आना कोई नई बात नहीं है। लेकिन जिस तरह से बार-बार इस नाले में गिरकर बच्चों की मौत हो रही हैं,उससे पता चलता है कि ये केवल हादसा नहीं है,बल्कि नगर निगम की बड़ी लापरवाही है। बच्चे के गिरने की सूचना मिलते ही मैं तुरंत मौके पर पहुँचा था। वहाँ का दृश्य देखकर पहले वाली घटनाएं याद आ गईं। अब समय आ गया है कि नगर निगम अपनी ज़िम्मेदारी को समझते हुए नाले पर सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम करे,जिससे आने वाले समय में किसी के घर का चिराग़ इस नाले में डूबकर न बुझ सके। इस मामले में नगर निगम के अधिकारियों ने मृतक के परिजनों से मिलना तो दूर,सांत्वना के दो शब्द तक न कहे। यह दर्शाता है कि नगर निगम के अधिकारियों को न तो इस हादसे का कोई दुःख है और न उनकी नज़र में किसी की जान की कोई क़ीमत है। मैं एक पत्रकार और स्थानीय निवासी होने के नाते क्षेत्र के लोगों के साथ हर समय खड़ा हूँ। सभी गणमान्य लोगों से बात करके जल्द ही निगम के अधिकारियों से मिलकर इस नाले का कोई हल निकाला जाएगा।
-स्थानीय निवासी पत्रकार सोनू खान
वार्ड-93 पार्षद पति आरिफ मलिक ने कहा, नाले को पटवाने के लिए कई बार प्रस्ताव भेज चुका हूँ। लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई। कभी बजट न होने का तो कभी कोई अन्य बहाना बना दिया जाता है। नगर निगम केवल पॉश कॉलोनी में विकास करता है। वहाँ निर्माण की आवश्यकता न होने पर भी निर्माण करा दिया जाता है। यहाँ कमज़ोर तबके के लोग रहते हैं,इसलिए नगर निगम इस ओर आवश्यकता अनुसार भी निर्माण नहीं करता है। यदि नगर निगम ने समय रहते इस नाले को कवर कर दिया होता तो आज यह हादसा नहीं होता। भविष्य में इस प्रकार के हादसे न हों,इसके लिए नगर निगम द्वारा इस नाले को पटवा देना चाहिए।
-पार्षद पति आरिफ मलिक
ग़ाज़ियाबाद के अमन कॉलोनी वार्ड 93 कैला भट्टा के नाले में गिर कर सात साल के बच्चे असद की मौत हो गयी। असद आपने माँ बाप का इकलौता बेटा था। इस मौत के जिम्मेदार नगर निगम मेयर और नगर निगम के आला अधिकारी हैं। अब से पहले भी इसी नाले में गिर कर 2 बच्चों की मौत हो गई है। लेकिन फिर भी निगम पार्षद और मेयर की आँख नहीं खुली थी। अब एक और बच्चा असद इस नाले की भेट चढ़ गया। असद के पिता एक मजदूरी करने वाला इंसान है। उस पिता पर क्या बीती होगी, जिसकी इकलौती औलाद उसके ही सामने नगर निगम के नाले से मृत निकाली जाए। अतः प्रशासन इसकी जांच कराए और असद के परिवार को आर्थिक मदद की जाए।
-स्थानीय निवासी शाकिर अब्बासी
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