नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी द्वारा 13000 करोड़ रुपए बकाया राशि की झूठी मांग को लेकर दिल्ली सरकार के विरोध में किए गए प्रदर्शन पर आम आदमी पार्टी ने प्रतिक्रिया जारी करते हुए कहा कि यदि भारतीय जनता पार्टी ने पिछले 15 सालों में दिल्ली नगर निगम के अंदर भ्रष्टाचार नही किया होता.
तो आज इस तरह के झूठे ढोंग और ड्रामे नहीं करने पड़ते। पूरा देश अच्छी तरह से जानता है कि भाजपा शासित नगर निगम नीचे से लेकर ऊपर तक पूरी तरह भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है।
जन्म प्रमाण पत्र बनवाना हो या मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाना हो, घर बनाना हो या व्यापार के लिए लाइसेंस लेना हो, हर काम के लिए नगर निगम में रिश्वत देनी पड़ती है।
दिल्ली की जनता ने भारतीय जनता पार्टी को दिल्ली नगर निगम की बागडोर इसलिए सौंपी थी कि वह पूरी ईमानदारी के साथ दिल्ली की जनता की सेवा करें, दिल्ली की साफ सफाई का जो मुख्य कार्य नगर निगम का होता है, उसको पूरी जिम्मेदारी के साथ निभाए।
परंतु भारतीय जनता पार्टी के लोगों ने नगर निगम को जनता की सेवा का संस्थान से बदलकर भ्रष्टाचार का अड्डा बना लिया है। आज यदि दिल्ली में आप कहीं भी अपना मकान बनाते हैं, तो भारतीय जनता पार्टी के निगम पार्षद आपके दरवाजे पर उगाही के लिए आकर खड़े हो जाते हैं।
आज दिल्ली में मकान बनाने के लिए एक लेंटर डालने के लिए आपको पांच से दस लाख तक की रिश्वत भाजपा को देनी पड़ती है।
दिल्ली नगर निगम में भारतीय जनता पार्टी ने इस कदर पिछले 15 सालों में लूट मचाई है कि नगर निगम पूरी तरह से कंगाल हो चुका है।
नगर निगम के अधीन काम करने वाले तमाम विभागों के कर्मचारी चाहे वह शिक्षा विभाग के अधीन काम करने वाले अध्यापक हों, स्वास्थ्य विभाग के अधीन काम करने वाले डॉक्टर और नर्स हों या फिर सफाई कर्मचारी हों, सभी को पिछले कई कई महीनों से उनका वेतन नहीं मिला है।
नगर निगम के अधीन काम करने वाले कर्मचारियों के घरों के चूल्हे बंद होने की कगार पर हैं, परंतु भारतीय जनता पार्टी के निगम पार्षदों के घर में हर रोज दिवाली मन रही है। कर्मचारी दिन-ब-दिन गरीब होते जा रहे हैं और भाजपा के निगम पार्षद दिन-ब-दिन अमीर होते जा रहे हैं।
दिल्ली के इतिहास में ढाई हजार करोड़ रुपए का जो घोटाला भाजपा शासित नगर निगम में अभी हाल ही में हुआ है, उसने बीते सभी घोटालों को पीछे छोड़ दिया है। यदि नगर निगम की मूल जिम्मेदारी अर्थात सफाई की बात की जाए, तो खुद मोदी जी के सर्वे में दिल्ली देश का सबसे गंदा शहर साबित हुआ है।
भाजपा के नगर निगम ने अपनी ही पार्टी के बड़े नेता और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की भी नाक कटवा दी। देश के 45 शहरों में सफाई के मामले में दिल्ली सबसे अंतिम पायदान पर आया है।
अब जब दिल्ली नगर निगम के चुनाव नजदीक आ रहे हैं, तो भारतीय जनता पार्टी अपनी असफलताओं से दिल्ली के लोगों का ध्यान भटकाने के लिए 13000 करोड़ रुपए का झूठा नाटक कर रही है।
जबकि हाईकोर्ट के 2 आदेशों से यह साफ तौर पर साबित हुआ है, कि नगर निगम का दिल्ली सरकार पर 1 रुपए भी बकाया नहीं है। हाई कोर्ट में इस मामले के संबंध में लंबित केस में नगर निगम के वकीलों ने एक जगह भी इस बात का जिक्र नहीं किया है कि नगर निगम को दिल्ली सरकार से 13000 करोड़ रुपए बकाया लेने हैं।
भारतीय जनता पार्टी की असफलताएं और इनका भ्रष्टाचार अब चरम सीमा को पार कर चुका है। दिल्ली की जनता इनकी असलियत को भलीभांति जान चुकी है और आने वाले निगम के चुनावों में दिल्ली की जनता ने इस बार भारतीय जनता पार्टी को निगम की सत्ता से उखाड़ फेंकने का मन बना लिया है।
इस बार निगम में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने जा रही है। जिस प्रकार से आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की सत्ता में आने के बाद दिल्ली की सरकार को लाभ में चला कर दिखाया तथा जनता को तमाम सरकारी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई,
उसी प्रकार से नगर निगम की सत्ता में आने के बाद आम आदमी पार्टी इतने ही बजट में और इसी व्यवस्था के साथ नगर निगम को पूरी ईमानदारी के साथ चलाकर दिखाएगी और तमाम कर्मचारियों का वेतन भी समय पर मिलेगा।
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