नई दिल्ली : नए तीनों कृषि बिलों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 28वां दिन है, मोदी सरकार ने बातचीत के न्योते की जो चिट्ठी भेजी थी, उसका जवाब किसान आज देंगे.
सिंघु बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों ने कहा कि हम 24 घंटे बात करने के लिए तैयार हैं, लेकिन सरकार बात नहीं करना चाहती, क्योंकि उनके मन में खोट है.
राजनाथ ने कहा कि किसान देश को खाद्य सुरक्षा देते हैं, कुछ किसान कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं, सरकार उनसे पूरी संवेदनशीलता से बात कर रही है, उम्मीद है कि वे जल्द आंदोलन खत्म करेंगे.
टिकरी बॉर्डर पर खालसा एड ने किसान मॉल खोल दिया है, यहां सभी किसानों को एक फॉर्म दिया गया है, इसमें अलग-अलग प्रोड्क्टस के नाम लिखे हैं, किसान को जिस भी चीज की जरूरत है, वह उसके आगे टिक लगाकर मॉल से ले सकता है.
टिकरी बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसान ने कहा- किसान दिवस पर मैं मोदी सरकार को एक ही बात बोलना चाहता हूं कि कृषि कानूनों को वापस लेकर हमें आज ये गिफ्ट में दें, क्योंकि आज का किसान पढ़ा-लिखा है, उन्हें इन कानूनों के बारे में पता है.
सीएम ममता के निर्देश पर उनकी पार्टी के 5 सांसदों ने सिंघु बॉर्डर पर किसानों से मुलाकात की, इनमें डेरेक ओ’ब्रायन, शताब्दी रॉय, प्रसून बनर्जी, प्रतिमा मंडल और मोहम्मद नदीमुल हक शामिल थे.
कांग्रेस ने कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए राष्ट्रपति से दखल की मांग की है, 24 दिसंबर को राहुल गांधी के नेतृत्व में विपक्ष के नेता 2 करोड़ किसानों के साइन वाला ज्ञापन राष्ट्रपति को सौंपेंगे.
किसान नेता कुलवंत संधू ने कहा कि हम ब्रिटेन के सांसदों को लिख रहे हैं कि जब तक केंद्र सरकार किसानों की बात नहीं मानती, तब तक PM बोरिस जॉनसन को भारत आने से रोकें.
दूसरी तरफ किसानों की भूख हड़ताल भी जारी है, दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सीमाओं पर जहां-जहां प्रदर्शन चल रहा है, वहां रोज 11 किसान 24 घंटे के उपवास पर बैठ रहे हैं.