नई दिल्ली : दिग्गज बीजेपी नेता जसवंत सिंह का 82 साल की उम्र में निधन हो गया, पीएम मोदी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है, उन्होंने कहा कि पहले एक सैनिक के रूप में और बाद में राजनीति के साथ अपने लंबे जुड़ाव के दौरान देश की सेवा पूरी मेहनत से की, ” पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में कहा, ‘जसवंत सिंह जी ने पहले एक सैनिक के रूप में और बाद में राजनीति के साथ अपने लंबे जुड़ाव के दौरान देश की सेवा पूरी मेहनत से की, अटल जी की सरकार के दौरान उन्होंने महत्वपूर्ण विभागों को संभाला और वित्त, रक्षा और बाहरी मामलों की दुनिया में एक मजबूत छाप छोड़ी, उनके निधन से दुखी हूं.’

पीएम ने एक दूसरे ट्वीट में लिखा, ”जसवंत सिंह जी को राजनीति और समाज के मामलों पर उनके अनूठे दृष्टिकोण के लिए याद किया जाएगा, उन्होंने भाजपा को मजबूत बनाने में भी योगदान दिया, मैं हमेशा उनके साथ हमारी बातचीत को याद रखूंगा, उनके परिवार और समर्थकों के प्रति संवेदना, ओम शांति,” राजनाथ सिंह ने भी जयवंत सिंह के निधन पर दुख जताया है, उन्होंने कहा कि जसवंत सिंह जी को उनकी बौद्धिक क्षमताओं और देश की सेवा में तारकीय रिकॉर्ड के लिए याद किया जाएगा.

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राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया, ”अनुभवी भाजपा नेता और पूर्व मंत्री श्री जसवंत सिंह जी के निधन से गहरा दुख हुआ, उन्होंने रक्षा मंत्रालय के प्रभारी सहित कई क्षमताओं में देश की सेवा की, उन्होंने खुद को एक प्रभावी मंत्री और सांसद के रूप में प्रतिष्ठित किया, जसवंत सिंह जी को उनकी बौद्धिक क्षमताओं और देश की सेवा में तारकीय रिकॉर्ड के लिए याद किया जाएगा, उन्होंने राजस्थान में भाजपा को मजबूत करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, इस दुख की घड़ी में उनके परिवार और समर्थकों के प्रति संवेदना, ॐ शांति,’ जसवंत सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्‍व वाली एनडीए सरकार में 1996 से 2004 के बीच रक्षा, विदेश और वित्‍त जैसे मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली, 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजापी ने उन्होंने टिकट नहीं दिया, इसके बाद उन्होंने पार्टी छोड़ दी, उसी साल उन्‍हें सिर में गंभीर चोटें आई, तब से वह कोमा में थे.

1996 से 2004 के बीच अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में जसवंत सिंह ने रक्षा, विदेश और वित्‍त जैसे कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों का जिम्मा संभाला, भारतीय सेना में लंबे समय तक सेवा देने के बाद उन्होंने राजनीति में कदम रखा था, जसवंत सिंह संसद के दोनों सदनों के सदस्य रहे, बीजेपी के संस्थापक सदस्यों में से एक जसवंत सिंह को पार्टी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया था, इसके बाद उन्होंने निर्दलीय किस्मत आजमायी लेकिन हार का सामना करना पड़ा, 2014 में ही गिरने के कारण उन्हें सिर में गंभीर चोट आयी, इसके बाद से वे कोमा में थे.

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