शमशाद रज़ा अंसारी
गाजियाबाद के प्रताप विहार विजयनगर स्थित कैप्टेन गैस एजेंसी को नोटिस देने के बाद सस्पेंड कर दिया गया है। गैस एजेंसी की मिल रही शिकायत पर डीएम अजय शंकर पांडेय ने इंडियन ऑयल के नोएडा हेड ऑफिस को पत्र लिखा था। जिसमे प्रताप विहार के सेक्टर 12 में बनी कैप्टेन गैस एजेंसी में हो रही धांधलेबाजी के बारे में लिखा था। जिन उपभोक्ताओं का कैप्टन गैस एजेंसी पर गैस कनेक्शन था उन्हें इंडियन ऑयल की दूसरी ब्रांचों पर ट्रांसफर कर दिया गया है। कम्पनी पर पहले पूर्ती विभाग द्वारा भी कार्यवाई हो चुकी है।
डीएम के पत्र पर इंडियन ऑयल ने की कार्यवाई
कैप्टेन गैस एजेंसी से सप्लाई हो रहे गैस सिलेंडर में कटिंग की जा रही थी। उपभोक्ता के पास पहुच रहे गैस सिलेंडर से गैस निकाल ली जाती थी। इसकी शिकायत डीएम तक पँहुची तो डीएम ने नोएडा स्थित इंडियन ऑयल के मुख्य दफ्तर को पत्र लिख कर धांधली की जानकारी दी। डीएम के लिखे पत्र के बाद इंडियन ऑयल की टीम कैप्टेन गैस एजेंसी पर पँहुची। टीम ने मौके पर पँहुच कर सभी गैस सिलेंडर का वजन काँटे पर तुलवाया। वजन करने पर दस सिलेंडरों में 1 से 2 किलो तक गैस कम निकली। वजन तुलवाने के बाद टीम सभी गैस सिलेंडर को गाड़ी में भरवा कर जाँच के लिए अपने साथ ले गयी।
नोटिस देकर माँगा जवाब
कैप्टन गैस एजेंसी को नोटिस जारी किया गया है। नोटिस का जवाब देने तक गैस एजेंसी सस्पेंड रहेगी।
इंडियन ऑयल की तरफ से गैस एजेंसी को जारी किये गये नोटिस में गैस एजेंसी से कई अहम सवाल पूछे गए हैं।
ये हैं सवाल
गैस एजेंसी द्वारा गैस चोरी करने का फैसला क्यों और किस हालातों में लिया गया?
गैस एजेंसी ने गैस चोरी करने के लिए अपने कुछ मुख्य कर्मचारी रखे हुए थे?
गैस उपभोक्ताओं को सिलिंडर का वेट करवा कर नहीं दिया जाता था?
क्या गैस एजेंसी के माप यंत्र में भी झोल है?
कभी उपभोक्ता द्वारा गैस एजेंसी के अधिकारियों से गैस चोरी होने की शिकायत नहीं मिली? यदि हाँ तो उपभोक्ता की इस शिकायत पर कार्यवाही क्यों नहीं की गई?
गैस एजेंसी सब कुछ जान कर भी अन्जान क्यों बनी रहीं?
इन सवालों का स्पष्टीकरण देने तक एजेंसी बन्द रखने का आदेश दिया गया है।
कनेक्शन ट्रांसफर होने से ग्राहक परेशान
एजेंसी बन्द होने के बाद ग्राहकों के सामने परेशानी उत्प्नन हो गयी है। हालाँकि एजेंसी बन्द होने के बाद एजेंसी के ग्राहकों के कनेक्शन अन्य एजेंसियों पर स्थानातरित कर दिए गये हैं।
लेकिन कम गैस मिलने को जीवन का हिस्सा मान चुके ग्राहक एजेंसी बन्द होने से परेशान हैं।
उपभोक्ताओं का कहना है कि गैस एजेंसी बन्द होने और गैस कनेक्शन दूसरी ब्रांच में ट्रांसफर होने से आने वाले दिनों में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। उपभोक्ताओं ने बताया कि पहले गैस एजेंसी पास होने के चलते किसी भी वक्त गैस ले जा सकते थे। अब गैस एजेंसी दूर हो गई हैं। ऐसे में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
कैप्टन गैस एजेंसी पर पहले भी हो चुकी है कार्यवाई
अनियिमतता बरतने पर कैप्टन गैस एजेंसी के प्रबन्धकों पर मार्च 2012 भी कार्यवाई हो चुकी है।
उस समय प्रबंधकों के साथ ही हॉकरों के खिलाफ भी गैस वितरण में अनियमितता पाए जाने पर पूर्ति विभाग ने आवश्यक वस्तु अधिनियम के अंतर्गत रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
कैप्टन गैस एजेंसी के प्रबंधक जांच के दौरान गैस सिलेंडरों के वितरण की जानकारी नहीं दे पाए थे। इसके बाद एजेंसी को सील कर दिया गया था। इस मामले में तत्कालीन जिलाधिकारी अपर्णा उपाध्याय के निर्देश पर विजयनगर थाने में गैस एजेंसी मालिक, मैनेजर और 19 हॉकरों के विरुद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3/7 के अंतर्गत रिपोर्ट दर्ज कराई गयी थी।