शमशाद रज़ा अंसारी
कोरोना महामारी के कारण लॉक डाउन ने देश की जनता की कमर तोड़ दी है। देश का आमजन वर्तमान में अत्याधिक आर्थिक तंगी का सामना कर रहा है। लोगों के सामने स्कूल की फीस से लेकर मकान-दुकान का किराया देने की समस्या उत्प्नन हो गयी है। ऐसे में जहाँ कुछ सामाजिक संस्थायें आगे आ कर जरूरतमन्दों की मदद कर रही हैं, वहीँ कुछ ऐसे संस्थान भी हैं जो अपने कर्मचारियों का वेतन भी नही दे रहे हैं। पूरे साल अभिभावकों से मोटी फीस वसूलने वाले बड़े स्कूलों के भी यही हाल हैं। सरकार द्वारा फीस मांगने का दबाव न बनाने का निर्देश देने के बावजूद स्कूल अभिभावकों पर तो फीस देने का दबाव बना रहे हैं लेकिन स्वयं अपने कर्मचारियों का वेतन नही दे रहे हैं। अफसोस की बात तो यह है कि यह हाल उन स्कूलों का है जो बच्चों से भारी भरकम फीस वसूलते हैं।
ऐसा ही मामला जनपद ग़ाज़ियाबाद के नामी स्कूल रेयान इंटरनेशन स्कूल का है। जिसके कर्मचारियों ने तनख़्वाह न मिलने पर सोमवार को स्कूल के सामने प्रदर्शन किया।
गाजियाबाद के डासना क्षेत्र में एनएच 24 पर रेयान इंटरनेशनल स्कूल है। सोमवार को स्कूल के बस चालक, हेल्पर और आया आदि कर्मचारियों ने तनख़्वाह न मिलने पर स्कूल के गेट पर जोरदार प्रदर्शन किया। कर्मचारियों का आरोप है कि लॉकडाउन के दरम्यान स्कूल प्रशासन ने अपने सभी कर्मचारियों से यथासंभव मदद का आश्वासन दिया था। लेकिन यह केवल कोरा आश्वासन ही निकला। स्कूल प्रशासन ने पिछले तीन महीने से उनका वेतन तक नही दिया है।
कर्मचारियों ने बताया लॉकडाउन के बाद से परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद तंग हो गयी है। कई कर्मचारियों का कहना है कि अब तो घर में खाने के लिए दो वक्त की रोटी के भी पैसे नहीं बचे हैं। स्कूल कर्मचारियों ने स्कूल के गेट पर प्रदर्शन करते हुए स्कूल प्रशासन को खत लिखकर बकाया वेतन देने का आग्रह किया है। कर्मचारियों ने पत्र में लिखा कि उनका रुक हुआ वेतन दिया जाए। जिससे उनके घर की आर्थिक स्थिति पहले की तरह सुचारू रूप से चलने लगे। इस मामले में स्कूल प्रशासन से बात करने का प्रयास किया गया तो स्कूल प्रशासन ने मामले पर चुप्पी साध ली।
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