नई दिल्ली: कोरोना वायरस में ऐसा तबाही का मंजर दिखाया कि भूखे व प्यासे लोग अपना घर छोड़ने को मजबूर हो गए, इस तरह की परिस्थितियों में व्यक्ति के सामाजिक सरोकारों की भी परीक्षा होती है, मानवता की परीक्षा का भी समय होता है, कोरोन में एक तरफ जहां आम जनता को भूख से लड़ना पड़ रहा है, वहीं, लाखों प्रवासी अपने गांव लौट जाने को मजबूर हुए, ऐसे संकट के समय में जामिया नगर के कुछ सामाजिक कार्यकर्ता अपना धर्म व कर्म निभाते हुए इन लोगों की मदद के लिए आगे आये, उन्होंने अपनी संस्था अजमल फाउंडेशन के माध्यम से सैकड़ों लोगों तक राशन व दवाइयां पहुंचाई, यह संस्था लोकसभा सांसद व फाउंडेशन के ट्रस्टी बदरूद्दीन अजमल की देखरेख में चलती है,

संस्था के उत्तरी भारत के प्रभारी नईम चौधरी ने हिंद न्यूज को बताया कि लॉकडाउन के पहले दिन से लेकर अब तक वह अपनी टीम के साथ जरूरतमंत लोगों की मदद में जुटे हुए हैं, कोरोना से पहले भी वह कच्छ, उत्तरकाशी, काठमांडू, केरला, बिहार, कश्मीर में भी त्रासदी के समय सैकड़ों लोगों की मदद में अपना योगदान दे चुके हैं, अब कोरोन में देश के अलग-अलग राज्यों सहित पूरे दिल्ली-एनसीआर में निःस्वार्थ भाव से लोगों की मदद कर रहे हैं, लोगों को निशुल्क राशन के साथ दवाईयां भी उपलब्ध करा रहे हैं,

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नईम अपनी टीम के साथ मिलकर दिल्ली में अलग-अलग जगहों पर जाकर अब तक 18 हजार 500 लोगों को निःशुल्क राशन वितरित कर चुके हैं, वहीं, रोजाना लोगों को पका हुआ भोजन भी बांटते हैं, लॉकडाउन के बाद अब भी अगर उन्हें ऐसे परिवार की जानकारी मिलती है जिन्हें राशन या अन्य जरूरी सहायता चाहिए तो वह तुरंत अपनी टीम के साथ वहां मदद के लिए पहुंच जाते हैं, उनके द्वारा अब तक लोगों को तीन लाख रुपये तक की दवाईयां भी वितरित की जा चुकी हैं, वहीं, असम में संस्था के 52 स्कूल व अस्पताल क्वारंटाइन सेंटर बनाकर सरकार को सौंपे जा चुके हैं,

नईम ने इन मुश्किल हालातों में प्रवासी कामगारों की मदद के लिए भी अपना हाथ आगे बढ़ाया, वह लॉकडाउन में रोजाना अपनी टीम के साथ गाजियाबाद बाइपास पर जाकर खड़े हो जाते थे, वहां जो भी पैदल जाने वाले वाले कामगार मिलते थे उन्हें वह राशन, पका हुआ खाना, चॉकलेट, बिस्कुट, चप्पल आदि वितरित करते थे, नईम ने बताया कि अपने घर को जा रहे प्रवासी कामगारों से पूछते थे कि क्या उनके पास घर जाने के लिए पैसे हैं,अगर उनके पास पैसे नहीं होते थे तो वो उन्हें 500 रुपये दिए जाते थे, उन्होंने रोजाना तीन- चार घंटे रुककर बॉर्डर से गुजरने वाले करीब पांच-छह हजार प्रवासियों की मदद की

शारिब हसन हिंद न्यूज से कहा दिल्ली-एनसीआर में 45 लोगों की टीम काम कर रही है, इनमें से एक सुखदेव विहार स्थित फोर्टिस अस्पताल के डॉक्टर असद खान भी हैं, जिन्होंने न दिन देखा न रात बस जब भी किसी जरूरतमंत को ईलाज की जरूरत पड़ी वह समय निकालकर पहुंचे, वहीं, जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए पूरी टीम ने अलग-अलग जगहों की सूची तैयार की जहां राशन पहुंचाया गया, इसके अलावा सोशल मीडिया को माध्यम बनाकर टीम के सदस्यों का नम्बर सरक्यूलेट किया गया, जिससे अब तक भी बहुत से जरूरतमंदो तक राशन पहुंचाया जा रहा है, नईम ने बताया कि पूर्व लोकसभा सांसद सिराजुद्दीन अजमल, नदीम उद्दीन, शरीब हसन, काशिफ हसन, मोहम्मद फैजन, शरीक खान, अहसान खान, सलीम मनिहार, मेहरूद्दीन अंसारी, कॉमरेड मुस्लिम, तनवीर जहां के योगदान से दिल्ली व एनसीआर के क्षेत्रों में जरूरतमंत लोगों तक राशन, पका हुआ खाना, दवाई, मास्क, सैनिटाइजर लॉकडाउन के पहले दिन से अब तक वितरित किए जा रहा है

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