शमशाद रज़ा अंसारी
उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ की तमाम नसीहतों के बाद भी प्रदेश की पुलिस का रवैया नही बदल रहा है। बढ़ते अपराधों को देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा है कि उत्तर प्रदेश पुलिस अपराधियों के सामने निरुत्तर हो गयी है। पुलिस ने अपराधियों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। सड़क पर चालान करने में व्यस्त पुलिस पीड़ित द्वारा वारदात से पहले तहरीर देने के बाद भी बदमाशों पर कार्यवाई करने में हिचक रही है।
देश की राजधानी से सटे ग़ाज़ियाबाद में एक बार फिर पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है। गत दिनों चिरोड़ी में व्यापारी की सुनवाई न होने पर बदमाशों ने व्यापारी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। अब ग़ाज़ियाबाद में पत्रकार द्वारा तहरीर देने के बाद भी पुलिस द्वारा कोई कार्यवाई न होने से बढ़े हौंसले के बाद बदमाशों ने पत्रकार को गोली मार दी। पत्रकार को गम्भीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस हमले के बाद पत्रकार जगत में रोष है। पत्रकारों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा हैं। पत्रकारों की मांग पर एसएसपी ने चौकी इंचार्ज को निलम्बित कर दिया है।
विजयनगर क्षेत्र में पत्रकार विक्रम जोशी रहते हैं। इनकी भाँजी को कुछ दिनों से क्षेत्र के मनचले परेशान कर रहे थे। जिसकी शिक़ायत विक्रम जोशी ने थाना विजयनगर में की। लेकिन पुलिस ने लापरवाही दिखाते हुये बदमाशों पर कोई कार्यवाई नही की। पुलिस के ढुलमुल रवैये से बदमाशों के हौंसले बुलन्द हो गये। उन्होंने पत्रकार विक्रम जोशी को दिन में धमकी दी। जिसकी सूचना उन्होंने चौकी इंचार्ज को दी तो उन्होंने कहा थोड़ी देर में आता हूँ। लेकिन वो पँहुचे नही। सोमवार रात्रि करीब 10:30 पर विक्रम अपनी बहन के घर से अपने घर जाने के लिए निकले। उनके साथ उनकी दो पुत्रियाँ भी थीं। कुछ दूर निकलते ही अचानक बदमाशों ने विक्रम जोशी को घेर कर उनपर ताबड़तोड़ हमला कर दिया। इसी दौरान एक हमलावर ने असलहा निकाल कर पत्रकार के सिर में गोली मार दी। गोली लगते ही विक्रम जोशी सड़क पर गिर पड़े। पत्रकार की पाँच वर्षीय तथा आठ वर्षीय पुत्रियाँ मदद की गुहार लागती रहीं लेकिन कोई मदद को नही आया। कुछ देर बाद लोगों ने विक्रम को यशोदा अस्पताल में भर्ती कराया। जहाँ उनकी हालत गम्भीर बनी हुई है। पत्रकार पर हमले की ख़बर मिलते ही आला अधिकारी यशोदा अस्पताल पँहुचे।
इस घटना की ख़बर मिलते ही पत्रकारों में रोष उत्प्नन हो गया। मंगलवार सुबह जनपद के सभी पत्रकार मीडिया सेंटर पर एकत्रित हुये। पत्रकारों ने मुख्यमंत्री के नाम डीएम को ज्ञापन दिया। डीएम की अनुपस्थिति में सिटी मजिस्ट्रेट शिव प्रताप शुक्ल को ज्ञापन देते हुये वरिष्ठ पत्रकार अनुज चौधरी ने मांग की कि सभी आरोपियों के विरुद्ध सख़्त कार्यवाई की जाये। पीड़ित परिवार को सुरक्षा प्रदान जाये। इस मामले में जो भी दोषी पुलिसकर्मी हैं उनके विरुद्ध कार्यवाई की जाये। छेड़छाड़ जैसे गम्भीर मामले की तहरीर पर कोई कार्यवाई न करना पुलिस की बड़ी लापरवाही है। पुलिस की लापरवाही के चलते ही इतनी बड़ी वारदात हुई है।
विक्रम जोशी के साथी पत्रकार फुरकान मलिक ने पुलिस पर बदमाशों के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया है। फुरकान मलिक ने कहा कि तहरीर देने के बाद भी कोई कार्यवाई न होने से बदमाशों के हौंसले बुलन्द हो गये। इसके साथ ही बदमाशों को पुलिस की सपोर्ट भी थी। बदमाश वारदात से लगभग दो घन्टे पहले चौकी में बैठे थे। चौकी में बैठकर बदमाशों ने कहा था कि पहले विक्रम को देखेंगे उसके बाद फुरकान को। पुलिस ने सुबूत मिटाने के लिए आसपास के सीसीटीवी उखाड़ लिए।। उधर इस मामले में पुलिस ने कार्यवाई करते हुये नौ अभियुक्तों को गिरफ़्तार कर लिया है। एसएसपी कलानिधि नैथानी ने खानापूर्ती करते हुये प्रताप विहार चौकी इंचार्ज राघवेंद्र तोमर को निलम्बित कर दिया। वहीँ राजनितिक हस्तियों ने भी पत्रकार पर हुये हमले को निंदा की है। प्रियंका गांधी और अखिलेश यादव ने ट्वीट करके इसे प्रदेश सरकार की नाकामी बताया है।
आपको बता दें कि 16 जुलाई को लोनी के चिरोड़ी में बदमाशों ने रंगदारी न देने पर मोनू हलवाई की गोली मारकर हत्या कर दी थी। मोनू भी पुलिस से लगातार बदमाशों द्वारा धमकी देने की शिकायत कर रहा था। लेकिन पुलिस ने मोनू की हत्या होने से पहले कोई कार्यवाई नही की। पुलिस ने यदि समय रहते कार्यवाई की होती तो न मोनू की हत्या हुई होती और न विक्रम जोशी अस्पताल में मौत से लड़ रहे होते।
ज्ञापन देने वालों में वरिष्ठ पत्रकार अनुज चौधरी, वरिष्ठ पत्रकार दीपक चौधरी, वरिष्ठ पत्रकार अजय औदीच्य, वरिष्ठ पत्रकार एसपी सिंह, शक्ति सिंह, यादराम भारती, प्रवीन अरोड़ा, अमित राणा, हिमांशु शर्मा, संजय मित्तल, ज़ुबैर अख़्तर, अरुण चन्द्रा, पिंटू तोमर, सुमन चौधरी,जितेंद्र भाटी, पंकज सिंह, फुरकान मलिक, सीमा गुप्ता, रत्नेश सिंह, शमशाद रज़ा अंसारी, हैदर अली, शिवम गौतम, मुकेश गुप्ता, आकाश चौधरी,आमिर सिद्दीकी, शाबाज़ ख़ान, सुशील बौद्ध, सुनील गौतम, शमीमुद्दीन, सिंदबाद खान आदि शामिल रहे।
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