नई दिल्ली : ईरान की सेना ने एक नई मिसाइल के सफल परीक्षण का दावा किया है, यह मिसाइल 300 किमी तक मार करने में सक्षम है.

आर्म्‍ड ग्राउंड फोर्स के कमांडर ब्रिगेडियर जनरल किओमार्स हैदरी ने कहा कि इस मिसाइल को ईरान ने स्‍वदेशी तकनीक से बनाया है, इस टेस्टिंग में म‍िसाइल की क्षमता का परीक्षण किया गया जो पूरी तरह से सफल रहा.

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हैदरी ने कहा कि यह मिसाइल किसी भी मौसम में अपने लक्ष्‍य को भेदने में पूरी तरह से सक्षम है, इससे पहले ईरान के रक्षा मंत्री ने कहा था कि हमारे देश की प्रतिरोधक क्षमता स्‍वदेशी मिसाइलों पर आधारित है.

उन्‍होंने कहा कि आज ईरान मिसाइलें बहुत सटीक मार करने वाली और विस्‍फोटक क्षमता से लैस हैं, उन्‍होंने एक बार‍ फिर से दोहराया कि ईरान अपने वैज्ञानिक मोहसेन फखरीजादेह की हत्‍या का बदला लेगा.

बता दें कि ईरान के चीफ न्यूक्लियर साइंटिस्ट मोहसिन फखरीजादेह की हत्या ने देश को बुरी तरह हिला दिया है, यहां तक कि देश के सुप्रीम लीडर अयातोल्ला अल खमनेई के मिलिट्री अडवाइजर होसेन देहगान ने हत्या का बदला लेने की प्रतिज्ञा कर ली है, उन्होंने चेतावनी दी है कि इसके दोषियों पर बिजली बनकर कहर बरपाया जाएगा.

फखरीजादेह को पश्चिमी और इजरायली खुफिया एजेंसियां 2003 में बंद किए देश के परमाणु बम प्रोग्राम ‘अमाद’ का सीक्रेट लीडर मानती आई हैं.

ईरान पर आरोप लगते रहते हैं कि वह इस प्रोग्राम को दोबारा शुरू करने की कोशिश कर रहा है जबकि ईरान ने परमाणु ऊर्जा से हथियार बनाने के आरोप का खंडन किया है, उसका कहना है कि वह परमाणु ऊर्जा का शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल कर रहा है.

ईरान का यह प्रोग्राम इतना खुफिया है कि फखरीजादेह की शायद ही कोई पब्लिक प्रोफाइल रही हो, हालांकि, संयुक्त राष्ट्र वॉचडॉग और अमेरिकी खुफिया एजेंसियां उन्हें ईरान के परमाणु प्रोग्राम का मुखिया ही मानती हैं.

वह अकेले ऐसे ईरानी साइंटिस्ट थे जिनका नाम इंटरनैशनल अटॉमिक एनर्जी एजेंसी के 2015 फाइनल असेसमेंट में था, इसमें ईरान के परमाणु प्रोग्राम पर खुले तौर पर सवाल किए गए थे, रिपोर्ट में दावा किया गया था कि फखरीजादेह ऐसी गतिविधियां देख रहे थे जो ईरान के परमाणु प्रोग्राम को सैन्य आयाम के समर्थन में थीं.

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