लखनऊ (यूपी) : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से आज भी बड़ी संख्या में विभिन्न जनपदों से आए कार्यकर्ताओं तथा अन्य सम्भ्रांत नागरिकों ने भेंट की तथा होली की बधाई दी।
इस मौके पर लगभग एक दर्जन मौलानाओं ने भी, जो कई जनपदों से आए थे, अखिलेश यादव से मिलकर सन् 2022 में समाजवादी पार्टी की सरकार बनवाने का भरोसा दिलाया।
अखिलेश यादव से भेंट करने वाले मौलानाओं में प्रमुख थे मौलाना मोहम्मद इकबाल खां कादरी साहब लखनऊ, मौलाना मासूम रजा एवं मौलाना इसराईल बाराबंकी, मौलाना तफसीर हुसेन महाराजगंज, मौलाना आफताब देवरिया.
चौधरी मजाहिर राना एडवोकेट सहारनपुर, मोहम्मद रेहान पूर्व विधायक तथा शकील खां लखनऊ एवं मौलाना हसीब, मौलाना जफीर, मौलाना जान मोहम्मद, मौलाना अबू बकर, मौलाना अजीमुद्दीन एवं मौलाना मोईन अयोध्या।
इन सभी मौलानाओं का कहना था कि आज समाज में डर का माहौल है। साम्प्रदायिक उन्माद को उभारने वाले बयान और काम लोगों में चिंता पैदा कर रहे हैं। जनता मंहगाई, बेकारी और कोरोना बीमारी से त्रस्त है।
गरीब की कहीं सुनवाई नहीं है। अल्पसंख्यकों की संस्थाओं से भेदभाव किया जाता है। भाजपा सरकार राग द्वेष से निर्णय करती है।
इन सभी का मानना था कि समाजवादी पार्टी ही सबका सम्मान करती है। वही सामाजिक सद्भाव और सौहार्द की हामी है। समाजवादी सरकार में ही अल्पसंख्यकों को सुरक्षा और सम्मान हासिल था।
उनके बच्चों की पढ़ाई तथा शादी के लिए मदद मिलती थी। समाज के सभी वर्गो को साथ लेकर समाजवादी पार्टी चलती है। सभी लोग यह महसूस कर रहे हैं कि भाजपा की गलत नीतियों से छुटकारा समाजवादी पार्टी की सरकार बनने पर ही मिल सकता है।
अखिलेश यादव ने कहा कि विकास के लिए समाज में सौहार्द और शांति व्यवस्था का बना रहना आवश्यक है। नफरत और समाज के बंटवारे की राजनीति कभी सकारात्मक नहीं हो सकती है। राष्ट्रीय आंदोलन के मूल्यों से जिनका परिचय नहीं, वे देश को कौन सा सही मार्गदर्शन कर सकते है?
आज राजनीति में जो गिरावट आई है उसके लिए संकीर्णता बहुत हद तक जिम्मेदार है। उन्होंने कहा बड़ा काम करने के लिए बड़ा मन और बड़ी सोच आवश्यक है। समाजवादी पार्टी की सरकार में जनहित की योजनाओं को जमीन पर उतारा गया था।
जिसका व्यापक प्रभाव पड़ा। भाजपा संकुचित मन-मस्तिष्क की पार्टी है। जनकल्याण भाजपा के रहते कभी नहीं हो सकता। समाजवादी विचारधारा में ही सबकी भलाई निहित है।