शमशाद रजा अंसारी
लॉक डाउन में नियमों का उल्लंघन करना जेब पर भारी पड़ने जा रहा है। बार बार उल्लंघन करने पर लाइसेंस निरस्त करने की कार्यवाई का सामना भी करना पड़ सकता है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ग़ाज़ियाबाद कलानिधि नैथानी ने उत्तर प्रदेश कोविड-19 द्वितीय संशोधन नियमावली 2020 में चालान तथा जुर्माने के बारे में बताते हुये कहा कि किसी व्यक्ति द्वारा सार्वजनिक स्थान पर या घर के बाहर बिना मास्क,गमझे या रुमाल से बिना मुँह ढके निकलने पर धारा 15(3) के तहत कार्यवाई करते हुये पहली, दूसरी बार में 100,100 रूपये तथा तीसरी बार बार उल्लंघन करने पर 500 रूपये जुर्माना लिया जायेगा।
ऐसा व्यक्ति जो कोविड-19 से पीड़ित न हो उसके द्वारा लॉक डाउन का उल्लंघन करने पर धारा 15(4) के तहत कार्यवाई करते हुये प्रथम बार 100, द्वितीय बार 500 तथा बार बार करने पर 1000 का जुर्माना किया जायेगा। दोपहिया वाहन की पिछली सीट पर यात्रा करने पर धारा 15(5) के तहत कार्यवाई करते हुये पहली बार में 250, दूसरी बार में 500 तथा तीसरी बार या बार बार करने पर 1000 रूपये का जुर्माना किया जायेगा। इसके अलावा लाइसेंस निरस्त/निलम्बित भी किया जा सकता है।
चालानकर्ता अधिकारी नियमों के उल्लंघन का विवरण संक्षिप्त (2-4 वाक्यों में) रिपोर्ट के रूप में अंकित करेंगे। चालान रसीद तीन प्रतियों में होगी, जिसकी एक प्रति का भाग-1 नियमों का उल्लंघन करने वाले दोषी व्यक्ति को देनी होगी। दूसरी प्रति शमनकर्ता अधिकारी को प्रेषित की जायेगी। तीसरी प्रति चालानकर्ता अधिकारी अपने पास रखेगा। नियमित रूप से कार्यवाही सुनिश्चित करने हेतु उपरोक्त के अनुसार 3-3 प्रति वाले नम्बर युक्त चालान किताब आवश्यक संख्या में छपवायी जायेगी। जिसे जनपदीय पुलिस कार्यालय द्वारा वितरित किया जायेगा। जिसके पृष्ठ भर जाने पर नियमित रूप से वापस जमा किया जायेगा। विद्यमान विनियम 15 के उपबन्ध 5 दुपहिया वाहन पर पिछली सीट पर यात्रा करने पर जुर्माना/लाइसेंस निरस्त/निलम्बित प्राविधानित है,
कार्यपालक मजिस्ट्रेट की अनुमति लेकर अति आवश्यक परिस्थितियों में, दुपहिया वाहन पर दो व्यक्ति उस दशा में यात्रा कर सकेंगे कि पीछे बैठे व्यक्ति को हेलमेट, जिससे पूरा चेहरा ढकता हो, के अतिरिक्त मास्क एवं ग्लब्स भी लगाना होगा। इस बात का ध्यान चालान करते समय अवश्य रखा जायेगा। एसएसपी ने अधीनस्थों को चेताते हुये कहा कि किसी भी दशा में जनता से दुर्व्यवहार की शिकायत नहीं आनी चाहिए।
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