नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राघव चड्ढा ने देश के कोने-कोने से प्रवासी मजदूरों को पलायन को मजबूर होने के लिए केंद्र में बैठी भारतीय जनता पार्टी को जिम्मेदार बताया है। उन्होंने कहा कि आज लाखों प्रवासी गरीबों की हालत 1947 में मिली आजादी के बाद हुए बंटवारे जैसी हो गई है। उस दौरान भी इसी तरह लोग अपना घर-द्वार छोड़ कर पलयान करने के लिए मजबूर हुए थे। उन्होंने कहा कि पलायन करने को मजबूर मजदूरों के साथ हो रही बर्बरता और दुव्र्यवहार उनके मानवाधिकारियों का हनन है। केंद्र सरकार की गलत नीतियों की वजह से प्रवासी मजदूर अपने मूल निवास स्थान के लिए पलायान को मजबूर हैं। राघव चड्ढा ने आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार विदेश से अमीरो ंको भारत लाने के लिए जहाजों का इंतजाम कर रही है, लेकिन गरीब प्रवासियों को घर जाने के लिए कोई प्रबंध नहीं है। उन्होंने केंद्र की भाजपा सरकार से कुछ सवाल भी पूछे और सवालों का जवाब मिलने की उम्मीद जताई।
डिजिटल प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राघव चड्ढा ने कहा कि आज देश के कोने-कोने से लाखों की संख्या में गरीब मजदूरों के पलायन करने की खबरें सुनने को मिल रही हैं। इन मजदूरों को जिस बर्बरता व दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ रहा है और जिस प्रकार से इनके मानव अधिकारों का हनन किया जा रहा है, उसके लिए सिर्फ केंद्र में बैठी भारतीय जनता पार्टी जिम्मेदार है।
राघव चड्ढा ने कहा कि जितनी बड़ी संख्या में आज प्रवासी मजदूर अपने मूल निवास स्थान की ओर पलायन कर रहे हैं। अपना घर, कारोबार, धन-धान्य, सब कुछ छोड़ कर जाने को मजबूर हैं। इस तरह का दृश्य आजादी के समय सन् 1947 के बाद जब देश का बंटवारा हुआ था, तब देखने को मिला था।
केंद्र में बैठी भाजपा की सरकार ने विदेशों में रह रहे कई बड़े-बड़े अमीर लोगों को वापस लाने के लिए बड़े-बड़े शानदार जहाजों का बंदोबस्त कर उन्हें पूरे आराम और शानो शौकत के साथ लाई। कई अपने बड़े-बड़े उद्योगपति मित्रों के लिए भाजपा सरकार ने निजी विमान से भारत आने के बंदोबस्त भी किए हैं, लेकिन हमारे देश में रहने वाले गरीब और मजदूर प्रवासी लोगों को घर वापस जाने के लिए कोई प्रबंध नहीं किया। यह जो गरीब मजदूर हैं, जो दो वक्त की रोजी रोटी कमाने के लिए अपना गांव छोड़कर शहरों में आते हैं। सही मायने में यही लोग हमारे देश के असली निर्माता हैं। यही प्रवासी मजदूर हैं, जो देश के कोने-कोने में जाकर अपना खून-पसीना एक करके भारत की नीव को रखते हैं। भारत का निर्माण करते हैं और आज इन गरीब प्रवासी मजदूरों की जो दुर्दशा भारतीय जनता पार्टी ने की है, वह बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है।
देश के कोने-कोने से अपने मूल निवास स्थान की ओर पलायन कर रहे इन प्रवासी मजदूरों की तरफ से राघव चड्ढा ने केंद्र में बैठी भारतीय जनता पार्टी की सरकार से चार प्रश्न पूछे जो कि निम्न प्रकार से हैं…..
1) वह गरीब मजदूर महिला जो पिछले 3 दिन से अपना सामान सर पर डाले हुए लगातार चलती जा रही है, उसके पैरों में पड़े छाले भारतीय जनता पार्टी से प्रश्न पूछ रहे हैं कि क्या हम मानव नहीं है?
2) वह मजदूर जो पिछले 7 दिनों से अपने बेटे को कंधों पर बैठाकर 325 किलोमीटर दूरी का सफर पैदल तय कर चुका है, उसके थके हुए कंधे भारतीय जनता पार्टी से प्रश्न कर रहे हैं कि क्या हम इस देश के नागरिक नहीं हैं?
3) वह 6 साल का बच्चा जो पैदल चल चल कर थक कर चूर हो गया और अपनी मां के द्वारा घसीटे जा रहे सूटकेस के ऊपर थक कर सो गया, वह भारतीय जनता पार्टी से प्रश्न कर रहा है कि मेरा अपराध क्या है?
4) वह हजारों श्रमिक जो रोजगार की तलाश में शहर आए थे, आज हजारों किलोमीटर पैदल चलने को मजबूर हैं और चले जा रहे हैं, चल-चल कर उन सभी का गला सूख गया है, वह तमाम श्रमिक आज भारतीय जनता पार्टी से प्रश्न कर रहे हैं कि क्या इस देश मे गरीब की जान की कोई कीमत नहीं?
राघव चड्ढा ने कहा कि उक्त प्रश्न किसी राजनीतिक दल की ओर से पूछे गए प्रश्न नहीं, बल्कि वह लाखों मजदूर जो आज हजारों किलोमीटर का सफर पैदल तय करने के लिए मजबूर हैं और अपने मूल निवास स्थान की ओर बढ़े जा रहे हैं, यह तमाम प्रश्न उन गरीब मजदूरों के प्रश्न हैं। उन्होंने कहा कि क्या भारतीय जनता पार्टी केवल अमीरों की पार्टी है? क्या गरीबों के प्रति उनका कोई दायित्व नहीं है? क्या केवल धनवान लोगों को विदेशों से वापस लाने के लिए भारतीय जनता पार्टी बड़े-बड़े आलीशान जहाजों का इस्तेमाल करेगी? क्या गरीबों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए बसों का, रेलगाड़ियों का, जहाजों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा? क्या यह मजदूर हमारे देश के नागरिक नहीं है? क्या इस देश के निर्माण में इन मजदूरों का कोई योगदान नहीं है? बीते कुछ दिनों में देश के कोने-कोने में जो माननीय दृश्य जनता ने देखे हैं, वह दृश्य केवल और केवल भारतीय जनता पार्टी की गरीब विरोधी मानसिकता का नतीजा है।
राघव चड्ढा ने कहा कि जो प्रश्न देश की गरीब और मजदूर जनता की ओर से आज मैंने मीडिया के माध्यम से केंद्र में बैठी भारतीय जनता पार्टी की सरकार से पूछे हैं, मुझे उम्मीद है कि अपनी गरीब विरोधी मानसिकता को परे रखकर, वह इन प्रश्नों का जवाब देगी और सड़कों पर हजारों किलोमीटर पैदल चलने को मजबूर, बेबस और लाचार मजदूरों की सहायता के लिए कुछ सशक्त कदम भाजपा सरकार उठाएगी