नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि आज पूरी तरह से यह साबित हो गया है कि भारतीय जनता पार्टी केवल और केवल अमीरों की पार्टी है, गरीबों को भारतीय जनता पार्टी ने सड़कों पर मरने के लिए छोड़ दिया है। आज गरीब कहीं रेलवे ट्रैक पर मर रहा है, कहीं हाईवे पर सड़क हादसों में मर रहा है, कहीं पैदल चल-चल कर भूख से तड़प- तड़प कर मर रहा है।
उन्होंने कहा कि आज देश में हालात इतने भयावह हैं कि छोटे-छोटे मासूम बच्चे भूखे प्यासे सड़कों पर चल रहे हैं। पैदल चल- चल कर बच्चों और बुजुर्गों के पैरों में छाले पड़ गए हैं। छोटे-छोटे बच्चे थक कर चूर हो कर सूटकेस पर सो रहे हैं। उनकी मां सूटकेस घसीटते हुई सड़क पर चले जा रही है। चारों तरफ इतनी भयावह स्थिति बनी हुई है और भारतीय जनता पार्टी धृतराष्ट्र की तरह आंख पर पट्टी बांधकर बैठी हुई है। केंद्र में बैठी भाजपा की सरकार को गरीबों, मजदूरों और देश के अंतिम व्यक्ति का दर्द नजर नहीं आ रहा है। इससे यह साफ हो जाता है कि भारतीय जनता पार्टी केवल और केवल अमीरों की पार्टी है, गरीब जनता से भाजपा को कोई लेना देना नहीं है।
संजय सिंह ने कहा कि आज देश के सामने कोरोना से भी बड़ी समस्या प्रवासी मजदूरों के पलायन की है। आज लाखों मजदूर अपने घर जाने के लिए परेशान हैं। भारतीय जनता पार्टी विदेशों से जहाज के द्वारा लोगों को अपने देश में ला सकती है, परंतु जब बात गरीब मजदूर को उसके घर पहुंचाने की हो तो भारतीय जनता पार्टी नाटक करने लगती है। उन्होंने कहा कि भारतीय रेल की क्षमता 1 दिन में 2 करोड़ 30 लाख लोगों को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने की क्षमता है, तो क्यों नहीं केंद्र में बैठी भाजपा की सरकार गरीब मजदूर प्रवासियों के लिए ट्रेनों का प्रबंध करके उन सब को उनके घर तक पहुंचाने का उपाय करती है?
उन्होंने कहा कि आज स्थिति इतनी भयावह हो गई है कि मजदूर सड़कों पर उतरने लगे हैं। उनकी समस्या का समाधान करने के बजाय केंद्र सरकार भूखे प्यासे मजदूरों पर लाठीचार्ज करवाती है। मध्य प्रदेश और यूपी के बॉर्डर पर प्रवासी मजदूरों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किया जा रहा है। केंद्र में भाजपा की सरकार है, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में भी भाजपा की सरकार है और तीनों जगह गरीब और भूखे मजदूरों को लाठियों से पीटा जा रहा है। क्या भारतीय जनता पार्टी ने सरकार की स्थापना मजदूरों पर लाठियां बरसाने के लिए की है? आज इस घृणित कृत्य से भाजपा का क्रूर और गरीब विरोधी चेहरा देश की जनता के सामने आ रहा है।
देशभर में पिछले लगभग 2 महीने से चल रहे लॉक डाउन पर अपना वक्तव्य रखते हुए संजय सिंह ने कहा कि आगे भी एक लंबे समय तक हम सभी को मास्क पहनने, हाथ धोने, उचित दूरी बनाए रखने जैसी सावधानियां बरतने की जरूरत होगी। परंतु इसी के साथ साथ व्यवसायिक गतिविधियों को भी शुरू करना पड़ेगा, क्योंकि यदि अर्थ व्यवस्था ध्वस्त हुई तो सामान्य जनजीवन भी ध्वस्त हो जाएगा। उन्होंने कहा कि लॉक डाउन कोई अंतहीन प्रक्रिया नहीं है। यदि लॉक डाउन को अंतहीन तरीके से लागू किया जाएगा, तो जितने लोग कोरोना से नहीं मरेंगे, उससे कहीं ज्यादा लोग भूख से मर जाएंगे। लोगों के कारोबार रोजगार बर्बाद हो रहे हैं। आज लोग आर्थिक संकट की स्थिति से गुजर रहे हैं। यदि धीरे-धीरे लॉक डाउन को नहीं खोला गया तो यह एक भयावह स्थिति का रूप ले लेगा।
संजय सिंह ने कहा कि केंद्र में बैठी भाजपा सरकार की ओर से प्रवासी मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए एक स्पष्ट दिशा निर्देश की उम्मीद थी, वह केवल और केवल हवा-हवाई और किताबी बातें साबित हुई हैं।
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