नई दिल्ली : क्या कांग्रेस की नए अध्यक्ष की तलाश एक बार फिर राहुल गांधी पर आकर खत्म हो गई है? लगता तो है कुछ ऐसा ही क्योंकि सोनिया गांधी के आवास 10 जनपथ पर हुई मीटिंग के बाद जो राहुल ने कहा उस का अर्थ क्या है?  

इस बैठक में कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं ने कहा कि राहुल गांधी को पार्टी की कमान संभालनी चाहिए, इस पर राहुल गांधी ने कहा कि पार्टी जो भूमिका तय करेगी, उसे निभाऊंगा, उन्होंने कहा कि चुनाव तय करेंगे कि नेता कौन होगा.

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कांग्रेस नेता पवन बंसल ने कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व को लेकर नेताओं के बीच कोई असंतोष नहीं है, बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि हम एक बड़ा परिवार हैं.

कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने के लिए हमें साथ काम करने की जरूरत है, सोनिया गांधी ने कहा कि हम जल्द चिंतन शिविर करेंगे, जिसमें बीजेपी से लड़ने के लिए रणनीति बनाई जाएगी.

मीटिंग के लिए कांग्रेस के सीनियर नेता पहुंचे, इनमें पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पृथ्वीराज चव्हाण, पी चिदंबरम, भूपिंदर सिंह हुड्डा, अंबिका सोनी, मनीष तिवारी, गुलाम नबी आज़ाद, आनंद शर्मा, कमलनाथ आदि शामिल हुए.

कांग्रेस के अंदरूनी कलह पर लगाम लगाने और पार्टी के नए अध्यक्ष के चुनाव की चुनौतियों का रास्ता निकालने के लिए सोनिया गांधी ने यह बैठक बुलाई थी.

सोनिया गांधी ने इस बैठक में पार्टी के उन नाराज नेताओं से भी मुलाकात की जिन्होंने चार महीने पहले कांग्रेस अध्यक्ष को चिट्टी लिखकर पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठाए थे, इस पत्र के बाद कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में भी सियासी घमासान मचा था.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने बताया कि पार्टी के 20 नेताओं ने करीब करीब 5 घंटे तक बैठक की, पार्टी की मजबूती के लिए सभी नेताओं ने अपनी बात रखी, आगे और भी बैठकें होंगी, पचमढ़ी और शिमला जैसा चिंतन शिविर भी होगा.

जिन नेताओं ने भी पार्टी को मजबूत बनाने को लेकर बात कही उन सभी सुझावों पर गौर किया जाएगा, अच्छे वातावरण में बातचीत हुई, कांग्रेस अध्यक्षा ने मीटिंग को संबोधित किया.

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