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राजस्थान : स्पीकर सीपी जोशी की दायर याचिका पर SC आज करेगा सुनवाई, पायलट खेमे ने भी दायर की कैविएट

नई दिल्ली : राजस्थान विधानसभा के स्पीकर जोशी की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी, जोशी ने पायलट और 18 अन्य बागी विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्यवाही 24 जुलाई तक टालने के हाई कोर्ट के निर्देश के खिलाफ याचिका दायर की है, वहीं  पायलट खेमे ने भी शीर्ष अदालत में कैविएट दाखिल कर कहा है कि हमारा पक्ष सुने बिना आदेश जारी नहीं करें, शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर उपलब्ध 23 जुलाई की कार्यसूची के अनुसार जस्टिस अरूण मिश्रा, जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस कृष्ण मुरारी की पीठ इस याचिका पर सुनवाई करेगी.

जोशी ने अपनी याचिका में कहा कि न्यायपालिका से कभी भी यह अपेक्षा नहीं की गयी थी कि वह ऐसे मामलों में हस्तक्षेप करेगी, जिससे संवैधानिक गतिरोध पैदा हो, अध्यक्ष ने राजस्थान हाई कोर्ट के 21 जून के आदेश पर अंतरिम रोक लगाने का अनुरोध करते हुये कहा है कि यह सुनिश्चित करना शीर्ष अदालत का कर्तव्य है कि संवैधानिक प्राधिकारी अपनी अपनी सीमाओं में रहते हुये अपने अधिकारों का इस्तेमाल करें और संविधान में प्रदत्त ‘लक्ष्मण रेखा’ का पालन करें.

हाई कोर्ट ने मंगलवार को कहा था कि वह 19 विधायकों की याचिका पर 24 जुलाई को उचित आदेश सुनायेगा, इस याचिका में विधानसभा अध्यक्ष द्वारा विधायकों को भेजे गए अयोग्य ठहराए जाने संबंधी नोटिस को चुनौती दी गई है, अदालत ने अध्यक्ष से अयोग्यता की कार्यवाही 24 जुलाई तक टालने को कहा था, विधानसभा अध्यक्ष ने वकील सुनील फर्नांडिस के जरिए दायर याचिका में कहा है कि अयोग्य ठहराए जाने की प्रक्रिया विधानसभा की कार्यवाही का हिस्सा है और इसलिए अदालत शुक्रवार तक इसे टालने की बात कहकर इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकती.

बाद में, एक अन्य मामले में चीफ जस्टिस एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष की याचिका जैसी याचिकाओं का तत्काल उल्लेख करने और उन्हें सूचीबद्ध करने के लिए शीर्ष अदालत में एक तंत्र होने का मामला उठाया, चीफ जस्टिस ने सिब्बल से कहा कि वह याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने का मामला शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री के समक्ष उठाएं, विधानसभा अध्यक्ष के वकील इससे पहले दो बार इन बागी विधायकों को जारी कारण बताओ नोटिस का जवाब देने की समय सीमा बढ़ाने संबंधी उच्च न्यायालय के अनुरोध पर राजी हो गये थे.

बता दें कि कांग्रेस ने पार्टी व्हिप की अवज्ञा करने को लेकर विधायकों को राजस्थान विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित करने के लिये विधानसभा अध्यक्ष से शिकायत कर रखी है, इसी शिकायत पर अध्यक्ष ने बागी विधायकों को नोटिस जारी किए थे, हालांकि, पायलट खेमे की दलील है कि पार्टी का व्हिप तभी लागू होता है जब विधानसभा का सत्र चल रहा हो, कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष को दी गई अपनी शिकायत में पायलट और अन्य असंतुष्ट विधायकों के खिलाफ संविधान की 10वीं अनुसूची के पैराग्राफ 2(1)(ए) के तहत कार्रवाई करने की मांग की है, मुख्यमंत्री गहलोत के खिलाफ बगावत करने के बाद पायलट को उप मुख्यमंत्री पद और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से बर्खास्त किया जा चुका है.


बता दें कि मुख्यमंत्री गहलोत ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा है, पत्र में उन्होंने निर्वाचित सरकारों को हॉर्स ट्रेडिंग के माध्यम से अस्थिर करने का आरोप लगाया है, सीएम गहलोत ने पत्र में कहा कि मुझे नहीं पता कि किस हद तक यह आपकी जानकारी में हैं अथवा आपको गुमराह किया जा रहा है, इतिहास ऐसे कृत्य में भागीदार बनने वालों को कभी माफ नहीं करेगा, उन्होने लिखा है कि नरेंद्र मोदी जी मैं आपका ध्यान राज्यों में चुनी हुई सरकारों को लोकतांत्रिक मर्यादाओं के विपरीत हॉर्स ट्रेडिंग के माध्यम से गिराने के लिए किये जा रहे कुत्सित प्रयासों की ओर आकृष्ट करना चाहूंगा, आपके मंत्री विधायकों को तोड़ रहे हैं, कहीं आपकी पार्टी के लोग आपको गुमराह तो नहीं कर रहे हैं, इसलिए सोचा आपकी जानकारी में दे दूं.

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