Header advertisement

सदस्यता रद्द होने पर बोले राहुल गांधी: मैं भारत के आवाज के लिए लड़ रहा हूँ, कोई भी कीमत चुकाने को तैयार हूँ

सदस्यता रद्द होने पर बोले राहुल गांधी: मैं भारत के आवाज के लिए लड़ रहा हूँ, कोई भी कीमत चुकाने को तैयार हूँ

नई दिल्ली। भारतीय लोकतंत्र में एक अहम मोड़ उस समय आया जब शुक्रवार दोपहर करीब ढाई बजे  कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता
रद्द कर दी गई । वह केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य थे। इस बात की जानकारी लोकसभा सचिवालय ने पत्र जारी कर दी है। राहुल ने 2019 में कर्नाटक की सभा में मोदी सरनेम को लेकर बयान दिया था। उन्होंने कहा था- सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है।
इस मानहानि केस में सूरत की कोर्ट ने गुरुवार दोपहर 12.30 बजे राहुल गांधी को 2 साल की
सजा सुनाई थी। हालांकि, 27 मिनट बाद उन्हें जमानत मिल गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने 11 जुलाई 2013 को अपने फैसले में कहा था कि कोई भी सांसद या विधायक निचली अदालत में दोषी करार दिए जाने की तारीख से ही
संसद या विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित हो जाएगा। कोर्ट ने लिली थॉमस बनाम भारत सरकार के केस में यह आदेश दिया था। इससे पहले कोर्ट का आखिरी फैसला आने तक विधायक या सांसद की सदस्यता खत्म नहीं करने का प्रावधान था। इधर, राहुल ने फैसले के करीब 3 घंटे बाद ट्वीट कर लिखा, ‘मैं भारत की आवाज के लिए लड़ रहा हूँ, मैं हर कीमत चुकाने को तैयार हूँ।’
लीगल एक्सपर्ट के मुताबिक लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी की संसदीय सीट वायनाड को खाली घोषित कर दिया है। इलेक्शन कमीशन अब इस सीट पर इलेक्शन का ऐलान कर सकता है। दिल्ली में राहुल गांधी को सरकारी बंगला खाली करने को भी कहा जा सकता है।
अगर राहुल गांधी की सजा का फैसला ऊपरी अदालतें भी बरकरार रखती हैं तो वे अगले 8 साल तक चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे। 2 साल की सजा पूरी करने के बाद वह छह साल के
लिए अयोग्य रहेंगे।
राहुल गांधी अब सूरत कोर्ट के फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती दे सकते हैं। कांग्रेस ने एक्शन की वैधानिकता पर भी सवाल उठाया है कि राष्ट्रपति ही चुनाव आयोग के साथ विमर्श कर किसी सांसद को अयोग्य घोषित कर सकते हैं।

No Comments:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *