जामिया फैकल्टी को मिली फुलब्राइट-नेहरू पोस्टडॉक्टोरल रिसर्च फेलोशिप

नई दिल्ली। जामिया मिल्लिया इस्लामिया के नेल्सन मंडेला सेंटर फॉर पीस एंड कॉन्फ्लिक्ट रिजॉल्यूशन (एनएमसीपीसीआर) में सहायक प्रोफेसर डॉ. सैयद जलील हुसैन को साउथ एशिया प्रोग्राम, मारियो इनाउदी सेंटर फॉर इंटरनेशनल स्टडीज़, कॉर्नेल यूनिवर्सिटी, इथाका, न्यूयॉर्क में काम करने के लिए प्रतिष्ठित फुलब्राइट-नेहरू पोस्टडॉक्टरल रिसर्च फेलोशिप से सम्मानित किया गया है। कॉर्नेल विश्वविद्यालय एक आइवी लीग अमेरिकी संस्थान है जिसने प्रमुख वैश्विक रैंकिंग में लगातार शीर्ष 20 विश्वविद्यालयों में स्थान प्राप्त किया है।
जामिया की कुलपति प्रो. नजमा अख्तर ने डॉ. हुसैन को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी और उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं दीं। डॉ हुसैन ने समर्थन और मार्गदर्शन के लिए कुलपति को धन्यवाद दिया।
कॉर्नेल में पोस्टडॉक्टरल फेलो के रूप में  डॉ. हुसैन ग्लोबल शिया रिवाइवल और सबनेशनल शिया मुमेंट्स के बीच संबंधों का अध्ययन कर रहे हैं। ईरान के साथ इस तरह के आंदोलनों के वैचारिक और भौतिक संबंधों की जांच करते हुए, उनका उद्देश्य शिया आत्म-चेतना की प्रकृति के बदलाव और पहचान की राजनीति में इसके असर और अन्य मुस्लिम संप्रदायों के साथ संबंधों पर इसके महत्वपूर्ण प्रभाव को समझना है।
डॉ हुसैन ने मास्टर और पीएच.डी. जामिया एनएमसीपीसीआर से किया है। वह यूनिवर्सिटी गोल्ड मेडलिस्ट (2012), आईसीएसएसआर डॉक्टरेट फेलो (2013-14) और यूजीसी के जूनियर और सीनियर रिसर्च फेलोशिप (2014-17) के प्राप्तकर्ता भी हैं। उन्होंने मास्टर्स प्रोग्राम (2009-2011) के लिए गांधी स्मृति फैलोशिप भी हासिल की है। उनके कई शोध पत्र प्रतिष्ठित राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं।

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