(शमशाद रज़ा अंसारी)
रामपुर। सपा के कद्दावर नेता आज़म खान के मीडिया प्रभारी फ़साहत अली खान शानू एवं करीबियों द्वारा खुले मंच से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से नाराज़गी जताने के बाद उत्तर प्रदेश की सियासत में हलचल मच गयी है। सभी को आज़म खान के कदम का बेसब्री से इंतज़ार है। अटकले लगाई जा रही हैं कि दलित-मुस्लिम गठजोड़ के लिए आज़म खान मायावती से हाथ मिला सकते हैं या फिर शिवपाल यादव के साथ मिलकर अपनी राजनीति को नया मोड़ दे सकते हैं। इसी बीच AIMIM ने मौके को देखते हुए आज़म खान की तरफ हाथ बढ़ा दिया है। पार्टी ने सीतापुर जेल में बंद आजम खान को चिट्ठी भेजी है। यह चिट्ठी असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के यूपी प्रवक्ता मोहम्मद फरहान की ओर से लिखी गई है।
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़, इस लेटर में उन्होंने आज़म ख़ान को लिखा है, ”आपसे एआईएमआईएम में शामिल होने का अनुरोध किया जाता है ताकि यूपी से बीजेपी और एसपी का सफाया किया जा सके।”
तीन पन्ने की इस चिट्ठी में सपा को निशाना बनाते हुए लिखा गया है कि समाजवादी पार्टी मुसलमानों की कतई हमदर्द नहीं है। वह मुसलमानों को सिर्फ वोट बैंक की तरह समझती है। पिछले तीन सालों में आजम खान और उनके परिवार के लिए अखिलेश यादव व उनके सिपहसालारों ने कोई ठोस आवाज नहीं उठाई। आजम खान से आग्रह किया गया है कि वह एआईएमआईएम में शामिल होकर पार्टी कार्यकर्ताओं की रहनुमाई करें।
चिट्ठी में लिखा है, ”जब आप मेदांता में जिंदगी मौत के बीच जूझ रहे थे, पूरा देश आपके लिए प्रार्थना कर था। सीतापुर जेल में जब आप सुरक्षित वापस लौटे तो अखिलेश यादव ने आपसे मिलना ज़रूरी नहीं समझा।
पत्र अखिलेश यादव की अवसरवादिता की ओर इशारा करते हुए लिखा है, ”अखिलेश यादव ने आपकी तस्वीर लगाकर 2022 विधानसभा चुनाव में मुस्लिमों से वोट लिया, लेकिन जब आपको विपक्ष का नेता बनाने की बात आई तो उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया। मोहम्मद फरहान ने दावा किया है कि ओवैसी, आज़म ख़ान के ख़िलाफ़ हुए हर उत्पीड़न पर आवाज़ उठाते हैं और आज़म ख़ान को अपना बड़ा भाई मानते हैं।
फरहान ने चिट्ठी में आज़म खान से आग्रह किया है कि असदुद्दीन ओवैसी के साथ मिलकर आजम खां मुसलमानों को सियासी पहचान दिलाएं। आजम खान से जेल में मुलाकात का समय भी मांगा गया है। आज़म खान की सहमति मिलने के बाद एआईएमआईएम के नेता जेल में आज़म से मिलने जाएंगे।
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