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THN स्पेशल समाचार

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लेख : एक हाथ में क़ुरआन हो एक हाथ में साइंस, वक़्त का तक़ाज़ा है, मदरसों से पास-आउट मॉडर्न एजुकेशन,…

कलीमुल हफ़ीज़ इन्सान के लिये तालीम हासिल करने का अमल उसकी पैदाइश के साथ ही शुरू हो गया था। जब पैदा करने वाले ने पहले इन्सान को ख़ुद से कुछ नाम सिखाए थे और फ़रिश्तों से तालीमी मुक़ाबला (Competition) कराया था तो हज़रते-इन्सान ने वो…

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लेख : “पैरों में जंजीर और गले में फन्दा” कभी सोचा है, किसानों का “धन्धा” क्यों बांधा गया था…? :…

मोहम्मद इरफान अहमद जिस कृषि विधेयक का विरोध आज ये  कांग्रेस वाले कर रहें हैं, वही इनके चुनावी घोषणापत्र का प्रमुख विषय रहा था, ढकोसलेबाज कांग्रेसी अपनी गंदी राजनीति बंद करें और किसान हित में हुए फैसले का स्वागत करें, सही क्या और गलत क्या…

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लेख : देश के युवाओं से 3.5 % उम्मीद रखने वाले रवीश कुमार का पत्र

मेरे प्यारे बेरोज़गार मित्रों, छोटा पत्र लिख रहा हूँ। मैं आपके आंदोलन से प्रभावित नहीं हूँ।आपमें जनता होने का बौद्धिक संघर्ष शुरू नहीं हुआ है। आपकी राजनीतिक समझ चार ख़ानों तक ही सीमित है। इसलिए आप लोगों से कोई उम्मीद नहीं रखता। जो युवा मीडिया…

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यूनिवर्सिटी के सौ साल पूरे होने पर ये देखना चाहिये, सौ साल में कितने सर सय्यद पैदा हुए, कितनी यूनिवर्सिटियाँ…

कलीमुल हफ़ीज़ अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को क़ायम हुए एक सदी हो चुकी है। हम जानते हैं कि 1875 में मुहम्मडन एंग्लो ओरिएण्टल (एम ए ओ) कॉलेज एक स्कूल की शक्ल में शुरू हुआ। 1877 में इसे कॉलेज का दर्जा हासिल हुआ। 1898 में सर सय्यद…

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लेख : ‘सूद’ यानी इंसानों को हलाक करने वाला गुनाह : डॉ मुहम्मद नजीब क़ासमी

डॉ मुहम्मद नजीब क़ासमी  माल अल्लाह तआला की नेमतों में से एक बड़ी नेमत है, जिसके ज़रिये इंसान अल्लाह तआला के हुक्म से अपनी दुनियावी ज़रूरतों को पूरा करने की कोशिश करता है लेकिन शरीअते इस्लामिया ने हर शख्स को मुकल्लफ बनाया है कि वह सिर्फ…

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सुबह-सुबह इन तीन पत्तों का सेवन दूर भगाएगा डायबिटीज का खतरा, जानिये कैसे डालता है ब्लड शुगर पर असर

प्रयागराज (यूपी) : प्रयागराज दुनिया भर में डायबिटीज के करोड़ों मरीज हैं। मधुमेह रोग न केवल शरीर को प्रभावित करती है, बल्कि कई अन्य बीमारियों को भी बुलावा देती है। बता दें कि अगर इस बीमारी को समय रहते काबू में नहीं किया गया तो…

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तेरी हमदर्दी के चन्द अल्फ़ाज़ मरहम हो गए, आस्था, जज़्बात और बदले की भावना के तहत फ़ैसले न्यायतंत्र के सम्मान…

संविधान को लागू करने और उसकी व्याख्या करने के लिये डिश्जुयरी (न्यायतंत्र) जम्हूरियत (लोकतंत्र) की जान है, जो अपने इख़्तियारात में ख़ुद-मुख़्तार (स्वायत्त) है। जुडिश्यरी की बुनियादी ज़िम्मेदारी है कि वह हर नागरिक के बुनियादी इन्सानी हक़ों को प्रोटेक्शन दिलाए और संविधान और क़ानून का…

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रवीश का लेख : सिर्फ़ रेलवे परीक्षाओं की तारीख़ का एलान कर नौजवानों में फूट न डाले सरकार

आख़िर रेल मंत्री पीयूष गोयल को अपने ट्वीटर हैंडल पर रेलवे भर्ती की परीक्षाओं की तारीख़ का एलान करना ही पड़ गया। रेलवे की भर्ती परीक्षा देने वाले करोड़ों नौजवान न जाने कब से उनके ट्वीटर हैंडल पर गुहार लगा रहे थे मगर मंत्री जी…

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BJP-Facebook विवाद : क्या BJP फ़ेसबुक को बचा रही है ?

नई दिल्ली : आखिर क्या कारण है कि बीजेपी फेसबुक को बचाने में लगी है? उसे सूचना प्रौद्योयगिकी पर बनी संसद की स्थायी समिति के चेयरमैन के तौर पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर का फेसबुक को नोटिस दे कमेटी के सामने पेश होने का फ़ैसला…

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लेख : मदरसों के छात्र ऑनलाइन क्लास से वंचित क्यों ? : डॉ० मोहम्मद नजीब कासमी

डॉ० मोहम्मद नजीब कासमी सम्भली केन्द्रीय सरकार की ओर से अनलाक 4 के लिए निर्देश जारी कर दिए गए हैं, जिसके अनुसार देश की सभी शैक्षणिक संस्थानें 30 सितंबर तक बंद ही रहेंगी। केवल आनलाइन क्लासों का सिलसिला जारी रहेगा। अक्तूबर में भी खुल सकेंगी…