नई दिल्ली। भारत सरकार के तहत अखिल भारतीय हज कमेटी और केंद्रीय वक़्फ कौंसिल के सदस्य रहे अल्हाज मौहम्मद इरफ़ान अहमद ने अपनी एक विशेष प्रेस वार्ता में कहा कि रमज़ान का महीना सबसे पवित्र महीना है, इसलिए यह पूरे वर्ष का सबसे अच्छा माह है और सबसे अच्छा समय है। इसे सबसे बेहतर महीना घोषित किया गया है। पसमांदा मुस्लिम समाज उत्थान समिति संघ (पंजीकृत) के मुख्य संरक्षक देशभर में उत्कृष्ट समाज सेवा प्रदान करने वाले मोहम्मद इरफ़ान अहमद ने इस मुबारक महीने के आध्यात्मिक महत्व पर प्रकाश डाला तथा मुसलमानों को धैर्य, प्रेम, विनम्रता एवं उदारता अपनाने की सलाह दी तथा पवित्र रमज़ान महीने के आगमन पर समस्त मुस्लिम समुदाय को हार्दिक बधाई एवं मुबारकबाद दी। इंटरनेशनल इक्विटेबिल ह्यूमन राईट कौंसिल अल्पसंख्यक सेल के भी राष्ट्रीय अध्यक्ष इरफ़ान अहमद ने इस बात पर ज़ोर दिया कि रमज़ान करीम सबसे पवित्र महीना है, जिसमें रोज़ा, नमाज़, चिंतन और पवित्र क़ुरआन की तिलावत और इसकी शिक्षाओं के प्रति प्रतिबद्धता के ज़रिए अल्लाह के करीब आने का मौक़ा मिलता है। उन्होंने इबादत के कामों को बढ़ाने, पवित्र क़ुरआन के साथ मज़बूत जुड़ाव और ज़रूरतमंदों के प्रति दया और दान के कामों को बढ़ावा देने पर ज़ोर दिया। उन्होंने दुआ की है कि यह रमज़ान सभी मुस्लिमों और देशवासियों के लिए शांति, खुशी और आध्यात्मिक उन्नति लेकर आए। इरफ़ान अहमद ने यह भी कहा कि रमज़ान सब्र का महीना है और सब्र का इनाम जन्नत है। यह रहम और सद्भावना का महीना है, इसलिए इसमें मोमिन की रोज़ी बढ़ाई जाती है। इसमें रोज़ेदार के गुनाहों को माफ़ कर दिया जाता है और गुनाहों की माफ़ी दी जाती है और जहन्नम से भी आज़ादी मिलती है, साथ ही रोज़ेदार को बराबर सवाब भी मिलता है।
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